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अलीगढ़ में पंचायत चुनाव को लेकर सियासी सह मात का खेल शुरू Aligarh news

पंचायत चुनाव को लेकर सह मात का खेल शुरू हो गया है। जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों के चयन को लेकर सियासी दलों में रस्साकसी का दौर शुरू हो गया है। सात से आठ अप्रैल को बसपा व रालोद पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की सूची जारी करेगा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 10:24 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 10:28 AM (IST)
अलीगढ़ में पंचायत चुनाव को लेकर सियासी सह मात का खेल शुरू Aligarh news
पंचायत चुनाव को लेकर सह मात का खेल शुरू हो गया है।

अलीगढ़, जेएनएन : पंचायत चुनाव को लेकर सह मात का खेल शुरू हो गया है। जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों के चयन को लेकर सियासी दलों में रस्साकसी का दौर शुरू हो गया है। सात से आठ अप्रैल को बसपा व रालोद पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की सूची जारी करेगा। सोमवार को रालोद के जिला प्रभारी दोवेदाराें का साक्षात्कार लेंगे। 

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बसपा प्रत्याशी लिखने वाले रडार पर

बसपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी करने से पहले संगठन में अनुशासन का संदेश दिया है। जिलाध्यक्ष डा. रतनदीप सिंह ने कहा कि जिला पंचायत सदस्य के दावेदार अपने अपने वार्डों में प्रचार प्रसार के दौरान पार्टी के प्रत्याशी लिख रहे हैं। इनके नामों की सूची तैयार कराई जा रही है। कुछ लोगों द्वारा स्वयं को बसपा प्रत्याशी घोषित करके होर्डिंग व बैनर लगाने की सूचना मिल रही है। सिंह ने इसपर कड़ी नाराजगी जताई है।

पार्टी ने अभी प्रत्‍याशी नहीं घोषित किया

रतन दीप सिंह ने कहा की पार्टी स्तर पर अभी तक कोई भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। अभी पार्टी समर्थित प्रत्याशी होने के लिए उम्मीदवारों से आवेदन लिए जा रहे हैं। उसके बाद पार्टी स्तर पर ऐसे आवेदनों पर मंथन होने के बाद प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। लेकिन कुछ लोग अपने स्तर से ही स्वयं को प्रत्याशी घोषित करके प्रचार प्रसार कर रहे हैं। रतन दीप सिंह ने कहा कि यह हरकत पार्टी नियमावली में अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और ऐसे लोगों को चेतावनी दी जाती है कि तत्काल प्रत्याशी लिखें होर्डिंग बैनर उतार लें। नहीं तो ऐसे लोगों के आवेदन पर पार्टी विचार नहीं करेगी।और ऐसी अनुशासनहीनता करने वालों को पार्टी चुनाव भी नहीं लड़ाएगी। जिला अध्यक्ष रतन दीप सिंह ने कहा कि पार्टी स्तर पर ऐसी अनुशासनहीनता पर नजर रखने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। जो कि जिले में भ्रमण करके ऐसी अनुशासनहीनता करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी। जिले में लगे अवैध होल्डिंग बैनर आदि को उतरवाने का काम करेगी।


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