अलीगढ़ में सुबह से लाश करती रही दाह संस्कार का इंतजार
अलीगढ़ जासं कासिमपुर में कोरोना महामारी के दौरान हो रही मौतों ने इंसान को झकझोर
अलीगढ़, जासं : कासिमपुर में कोरोना महामारी के दौरान हो रही मौतों ने इंसान को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार को हरदुआगंज परियोजना में एक ढकेल वाले की मौत क्या हुई, उसकी लाश को अतिम संस्कार के लिए पुलिस, समाज एवं उसका परिवार भी नकारता रहा। सुबह से पड़ी लाश दाह संस्कार का इतंजार करती रही।
सोमवार का दिन कासिमपर पावर हाउस के लिए हर दिल को झकझोर देने वाला रहा। सूत्रों के अनुसार सोमवार की सुबह बंटी उर्फ अमित कुमार उम्र 38 वर्ष पुत्र स्वर्गीय बाबूलाल की सांस की बीमारी से मौत हो गई। मृतक का भाई ललित 250 मेगावाट यूनिट में श्रमिक के पद पर कार्यरत है। ललित को मृतक आश्रित में नौकरी मिली थी। मृतक बंटी भी कासिमपुर के दस दुकान मार्केट में ढकेल लगाकर अपना जीवन-यापन करता था। सोमवार की सुबह उसका शव जैसे ही एंबुलेंस में दस दुकान मार्केट में लाया गया, लोगों में अफरा-तफरी मच गई। उसकी पत्नी शव को देखकर चीख-चीख कर रोने लगी। उसका शव सोमवार सुबह से देर शाम तक यहीं पड़ा रहा, लेकिन किसी भी सामाजिक संस्था ने शव का अंतिम संस्कार करने में सहयोग नहीं किया।
वहीं बजरंग दल के राजकुमार आर्य ने इसके अंतिम संस्कार की सूचना थानाध्यक्ष को दी तो कार्यवाहक थानाध्यक्ष ने यह कहकर टाल दिया कि यह कार्य पुलिस का नहीं है। कंट्रोल रूम सूचना दो या फिर सामाजिक लोगों से कहो। राजकुमार आर्य ने जब यह भी बता दिया कि यह कोविड-19 का नहीं है। फिर भी उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।
पूरे दिन सबकी जुबां पर एक ही चर्चा थी कि अब इंसानियत मर चुकी है। कोई किसी का नहीं है। उसका भाई ललित भी अंतिम संस्कार करने से देर शाम तक खबर लिखे जाने तक कतराता रहा। उसकी पत्नी अकेली बिलखती रही।