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एएमयू के यूनियन क्लब की आज के ही दिन रखी गई थी नींव , राष्ट्रपित जाकिर हुसैन समेत कई बड़े नेता यहां से निकले Aligarh news

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के यूनियन क्लब की नींव आज के ही दिन 26 अगस्त 1884 को रखी गई थी। अंग्रेजों के समय में इसे सिडोन्स यूनियन क्लब कहा जाता था।

By Parul RawatEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 09:12 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 04:28 PM (IST)
एएमयू के यूनियन क्लब की आज के ही दिन रखी गई थी नींव , राष्ट्रपित जाकिर हुसैन समेत कई बड़े नेता यहां से निकले  Aligarh news
एएमयू के यूनियन क्लब की आज के ही दिन रखी गई थी नींव , राष्ट्रपित जाकिर हुसैन समेत कई बड़े नेता यहां से निकले Aligarh news

अलीगढ़ [संतोष शर्मा]। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के यूनियन क्लब की नींव आज के ही दिन 26 अगस्त 1884 को रखी गई थी। अंग्रेजों के समय में इसे  सिडोन्स  यूनियन क्लब कहा जाता था। कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तर्ज पर इस क्लब को शुरू किया गया था। ताकि छात्र बाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लेकर चर्चित विषयों पर विचार रख सकें। इस यूनियन हॉल से कई  बड़े  राज नेता निकले हैं। भारत के तीसरे राष्ट्रपति रहे जाकिर हुसैन इसी क्लब से निकले। छात्र यूनियन के वह अध्यक्ष रहे थे। यूनियन की ओर से महात्मा गांधी समेत 35 महान विभूतियों को यूनियन की सदस्या दी जा चुकी है।

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1884  मोहम्म्डन   एग्लो   ओरियंटल(एमएओ)  कॉलेज था। इसके पहले प्रिंसिपल  सिडोन्स  थे। इन्हीं के कार्यकाल में ही इस क्लब की नींव रखी गई। पहले यह क्लब  स्ट्रेची  हॉल के पास था। 1905 में यूनियन हॉल का निर्माण  एबीके  स्कूल के पास हुआ। तब से एएमयू छात्र राजनीति का संचालन यहीं से होता रहा है। छात्र संघ का चुनाव इसी हॉल में होता है। चुनाव के समय यहां की रंगत देखने लायक होती है। खास बात यह है यूनियन चुनाव में राजनीतिक दलों का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। छात्र नेता किसी पार्टी के बैनर का इस्तेमाल भी नहीं करते। ऐसा करने पर वह चुनाव नहीं  लड़  सकते।

राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री और भी बहुत

एएमयू की छात्र राजनीति शुरू से ही चर्चाओं में रही है। कई मंत्री, राज्यपाल यहां से निकले हैं। एएमयू के कुलपति रहे पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन भी यूनियन के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह बिहार के राज्यपाल व देश के प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति चुने गए। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी यूनियन के अध्यक्ष रह चुके हैं। सपा सांसद आजम खान यूनियन के सचिव चुने गए थे।

गांधी समेत 35 को आजीवन सदस्यता

छात्र संघ की ओर से सबसे पहले 1920 महात्मा गांधी को यूनियन की आजीवन सदस्यता दी गई थी। इसके बाद से अब तक 35 महान विभूतियों को यह सम्मान दिया जा चुका है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू, नोबल पुरस्कार विजेता डॉ.  सीवी  रमन, सरोजनी नायडु, जय प्रकाश नारायण, वीपी सिंह, मुलायम सिंह यादव आदि के नाम शामिल हैं।

डॉ. राहत अबरार, जनसंपर्क  विाभाग  एएमयू का कहना है कि एएमयू के संस्थापक सर सैयद भी छात्रों के साथ बहस में शामिल होते थे। उनका मकसद था छात्र हर विषय पर खुली बहस करें। इससे उनकी राजनीतिक व सामाजिक समझ बढ़े। हर शनिवार को नए मुद्दों पर बहस होती थी। उस दौर में नारी शिक्षा पर भी बहस हुई थी।  साऊदी  अफ्रीका के छात्र अमीन  बुलबुलिया  भी छात्र संघ अध्यक्ष रह चुके हैं।


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