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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : अमित शाह की रैली पर विपक्ष की निगाह, तय करेगा रणनीति

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। तालानगरी में 30 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा पर विपक्ष की भी निगाह है। भाजपा ने जनसभा में एक लाख लाेगों का लक्ष्य रखा है। इसे देखते हुए कांग्रेस बसपा सपा और रालोद निगाह बनाए हुए है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 10:12 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 12:21 AM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : अमित शाह की रैली पर विपक्ष की निगाह, तय करेगा रणनीति
तालानगरी में 30 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा पर विपक्ष की भी निगाह है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। तालानगरी में 30 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा पर विपक्ष की भी निगाह है। भाजपा ने जनसभा में एक लाख लाेगों का लक्ष्य रखा है। इसे देखते हुए कांग्रेस, बसपा, सपा और रालोद निगाह बनाए हुए है। इस जनसभा से ये दल अंदाजा लगाने की कोशिश करेंगे कि कितनी संख्या में सही मायने में लोग पहुंच रहे हैं।

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अलीगढ़ में 30 दिसंबर को भाजपा की विशाल जनसभा

30 दिसंबर को भाजपा की अलीगढ़ में विशाल जनसभा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस जनसभा को संबोधित करेंगे। 2017 में भी अमित शाह इसी स्थान से सभा को संबोधित कर चुके थे। उस समय अमित शाह भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे उनके इस संबोधन के बाद ऐसा जादू चला था की अलीगढ़ में भाजपा सातों सीटें जीत गई थी इस बार भी कोशिश होगी कि अमित शाह का जादू चले और भाजपा सातों सीटों पर काबिज हो जाए। इसे देखते हुए विपक्ष सतर्क हो गया है। 30 दिसंबर होने वाली जनसभा को लेकर वह निगाहें लगाए हुआ है। विपक्ष यह देखना चाहता है की वास्तव में भाजपा इतनी भीड़ जुटा पाएगी कि नहीं वह भी एक मात्र 1 जिले से। इसलिए भाजपा की हर गतिविधि वर विपक्ष नजर रखे हुए हैं। यदि 30 दिसंबर को अपार जनसमूह उमड़ पड़ता है और यह जनसभा सफल होती है तो विपक्ष को संभल कर चलना होगा।फिर ऐसा रास्ता निकालना होगा जिससे विपक्ष मजबूत स्थिति में आ सके।

सपा से सीधे टक्‍कर

अलीगढ़ में यदि विपक्ष की स्थिति देखी जाए तो भाजपा की सीधे सपा से टक्कर मानी जा रही है l अधिकांश सीटों पर भाजपा को सपा ही टक्कर देगी। सीट पर भाजपा और सपा में कड़ा मुकाबला होगा यहां जीत का अंतर बहुत बड़ा नहीं होता है। इसलिए यहां पर भाजपा को बहुत संभल कर चलने की जरूरत है। कॉल पर देखा जाए तो फिलहाल भाजपा का ही कब्जा है। वही कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है भले ही प्रियंका वाड्रा ने उस भरने की कोशिश कर रही हो मगर जिले में यदि देखा जाए तो सातों विधानसभा सीट सीट पर कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। कॉल को यदि छोड़ दिया जाए तो किसी सीट पर कोई ऐसा प्रत्याशी नहीं है।


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