महाशिवरात्रि पर काम आए गाजियाबाद के अनुभव, मंत्रालय ने भी की तारीफ Aligarh news
महाशिवरात्रि पर नगर निगम की बेहतर व्यवस्थाओं की वजह नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह के वो अनुभव थे जो उन्हें गाजियाबाद में बतौर एसडीएम मिले थे। उन्हीं अनुभव के आधार पर उन्होंने यहां कांवड़ियों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए नये प्रयाेग किए जिसमें काफी हद तक सफल भी रहे।
अलीगढ़, जेएनएन : महाशिवरात्रि पर नगर निगम की बेहतर व्यवस्थाओं की वजह नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह के वो अनुभव थे, जो उन्हें गाजियाबाद में बतौर एसडीएम मिले थे। उन्हीं अनुभव के आधार पर उन्होंने यहां कांवड़ियों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए नये प्रयाेग किए, जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रहे। उनके प्रयासों की प्रशंसा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा नगर विकास मंत्रालय ने भी की है। मंत्रालय के ट्विटर अकाउंट पर निगम की व्यवस्थाओं की सराहना की गई है।
चार सेक्टरों में बंटा था शहर
महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए शहर को चार सेक्टरों में बांटकर नोडल अधिकारियों को सड़क, सफाई, पेयजल और पथ प्रकाश की व्यवस्थाएं सौंपी गई थीं। एक सुपर नोडल और 35 अन्य अधिकारी भी लगाए गए। कांवड़ियों को रात के समय परेशानी न हो, इसके लिए 238 स्ट्रीट लाइट ठीक कराई गईं। 34 प्वाइंट पर नई लाइट लगाई गईं। यह पहली बार हुआ कि नगर निगम ने देहलीगेट चौराहे से खेरेश्वरधाम तक कांवड़ियों के लिए कारपेट बिछवाई। यही नहीं, पहली बार रामघाट रोड पर नगर निगम का शिविर लगाया गया। यहां सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया था। नगर आयुक्त ने बताया कि शहर विधायक संजीव राजा और पार्षदों को उन्होंने भरोसा दिलाया था कि इस बार की कावड़ यात्रा और महाशिवरात्रि के लिए यादगार व्यवस्थाएं की जाएंगी। इसी भरोसे पर खरे उतरने का प्रयास किया गया।
मुस्तैदी से जुटे रहे अधिकारी
नगर आयुक्त ने बताया कि गाजियाबाद में बतौर एसडीएम उन्होंने कावड़ यात्रा के इंतजाम कराए थे। उन्हीं अनुभव को अलीगढ़ में प्रयोग करने का प्रयास किया गया। इस बात की खुशी है कि प्रयास में सफलता मिली। उन्होंने बताया महाशिवरात्रि और कावड़ यात्रा को उम्दा बनाने के लिए इसे चुनौती के रूप में लिया गया। महाशिवरात्रि के अंतिम दिन नगर निगम ने हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास किया। अधिकारी, कर्मचारी सार्वजनिक अवकाश के बावजूद व्यवस्थाओं में जुटे रहे। अधिकारियों के अलावा 453 सामान्य कर्मचारी व 1125 सफाई कर्मचारियों के साथ चार जेसीबी, पांच रोबोट, 10 ट्रैक्टर, तीन स्विपिंग मशीन, 15 पेयजल टैंकर, चार कैटल क्रेचर मशीनों के इंतजाम कराए गए। 70 से अधिक आवारा पशुओं को पकड़ कर गोशाला भिजवाया गया। 245 स्थानों पर पेंचवर्क कराया, 10 किलोमीटर क्षेत्र में पानी का छिड़काव किया गया।