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गुरु-शिष्य की एक साथ 'परीक्षा' तो अफसरों की अग्निपरीक्षा, जानिए मामला Aligarh news

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अजीब स्थिति बन गई है। शासन की ओर से जारी आदेशों का पालन करना व कराना अफसरों की जिम्मेदारी होती है। मगर इन जिम्मेदारियों को पूरा कराना अब अफसरों के लिए भी चुनौती से कम नहीं है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 09:04 AM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 09:05 AM (IST)
गुरु-शिष्य की एक साथ 'परीक्षा' तो अफसरों की अग्निपरीक्षा, जानिए मामला Aligarh news
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अजीब स्थिति बन गई है।

अलीगढ़, जेएनएन : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अजीब स्थिति बन गई है। शासन की ओर से जारी आदेशों का पालन करना व कराना अफसरों की जिम्मेदारी होती है। मगर इन जिम्मेदारियों को पूरा कराना अब अफसरों के लिए भी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि सरकारी मुलाजिम होने के नाते वे शासन के आदेशों के खिलाफ तो बोल नहीं सकते लेकिन पीड़ा उनकी भी जायज है। गुरु-शिष्य की एक साथ ''परीक्षा'' कराने का फैसला अब अफसरों के लिए भी चुनौती बना हुआ है। कक्षाओं की कमी हो या शिक्षकों की कमी दोनों ही सूरत में परीक्षाएं या प्रशिक्षण कार्यक्रम चला पाना मुमकिन नहीं होता। कुछ ऐसी ही स्थिति शिक्षकों के साथ अफसरों के सामने भी आ खड़ी हुई है। मगर शासन का फरमान है इसलिए आदेश का पालन तो हरहाल में कराना ही है।

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26 से वार्षिक परीक्षाएं कराने के आदेश

दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में छात्र-छात्राओं की वार्षिक परीक्षाएं 26 व 27 मार्च को कराने का शासन से आदेश जारी किया गया है। परीक्षा कराने से लेकर परिणाम घोषित करने तक की समय सारिणी जारी की गई है। इसका पालन अफसरों व शिक्षकों को करना है। इसी बीच में कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम कराने का अादेश भी शासन की ओर से जारी किया गया है। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम हर बीआरसी पर 22 से 27 मार्च तक चलाया जाना है। इसको भी मानना अफसरों के लिए अनिवार्य है। 22 मार्च से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू भी हाे गया। लोधा बीआरसी का ही उदाहरण देखें तो प्रशिक्षण कार्यक्रम बीआरसी के सामने बने कंपोजिट इंग्लिश मीडियम स्कूल एलमपुर में चलाया जा रहा है। विद्यालय में बच्चों की परीक्षाएं 26 व 27 मार्च को होनी हैं। तब तक ये प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चल रहा होगा। ऐसे में प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपयोग हो रही चार कक्षाएं खाली नहीं होंगी। शिक्षक भी कमरों में प्रशिक्षण ले रहे होंगे। ऐसे में परीक्षा कौन कराएगा? और परीक्षाएं कैसे होंगी? ये बात शिक्षकों के भी समझ से परे है। जो शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं वे परीक्षा कार्य में कैसे लगेंगे? ये भी प्रश्न खड़ा हो रहा है। स्कूल के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि परीक्षाएं व प्रशिक्षण कार्यक्रम एक साथ चलना काफी विषम स्थितियां खड़ी करेंगे। मगर अधिकारियों के आदेश हैं तो पालन तो करना ही होगा।

इनका कहना है

 

बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि शासन की ओर से परीक्षा की समय सारिणी जारी की गई है। शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शासनस्तर से तय किया गया है। दोनों गतिविधियां चलाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाएगा। दोनों ही काम महत्वपूर्ण हैं, दोनों का ही संचालन कराना जरूरी है।


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