Noble work : बुजुर्ग ने समझा बुजुर्गों का दर्द, दान दे दी 10 बीघा जमीन Aligarh news
कलयुग में कुछ संताने ऐसी होती ही जो बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल नहीं रखती। ऐसे में बेसहारा वृद्ध दर-दर की ठोकरें खातें है। ऐसे बेसहारा वृद्धों को आशियाना देने के लिए जिला मुख्यालय से 25 किमी. दूर इगलास तहसील क्षेत्र के गांव जटवार निवासी बुजुर्ग ने पहल की है।
अलीगढ़, जेएनएन । कलियुग में कुछ संताने ऐसी होती ही जो बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल नहीं रखती। ऐसे में बेसहारा वृद्ध दर-दर की ठोकरें खातें है। ऐसे बेसहारा वृद्धों को आशियाना देने के लिए जिला मुख्यालय से 25 किमी. दूर इगलास तहसील क्षेत्र के गांव जटवार निवासी बुजुर्ग ने पहल की है। उन्होंने अपनी 10 बीघा जमीन को स्वेच्छा से प्रशासन को देकर वृद्धा आश्रम खोलने की मांग की है।
बुजुर्गों का दर्द बखूबी समझते हैं पन्ना लाल
गांव जटवार निवासी 82 वर्षीय पन्नलाल बुजुर्गोंं का दर्द बखूबी समझते हैं। उनके पास गांव में खाता संख्या 128, गाटा संख्या 409 रकवा 1.8880 हेक्टेयर कृषि भूमि है। इसमें से उन्होंने रकवा 0.770 हेक्टेयर (10 बीघा) भूमि पर स्वयं के नाम का वृद्धावस्था आश्रम बनाने के लिए दान देने का संकल्प लिया है। जिससे यहां वृद्ध अपने बुढ़ापे का जीवन सुख में व्यतीत कर सकें। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। डीएम के निर्देश पर एसडीएम ने जांच कराई। लेखपाल की रिपोर्ट के बाद वृद्धावस्था आश्रम बनाए जाने के लिए समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखा है।
बुजुर्गों को सहना पड़ता है तिरस्कार
पन्नालाल बताते हैं कि वृद्ध होने पर संतान माता-पिता की सेवा नहीं करती हैं। जिसकी वजह से खान-पान, कपड़े, बीमारी आदि की सुविधा से वह वंचित हो जाते हैं। बैसे तो वृद्ध आश्रम की जरुरत ही नहीं पड़नी चाहिए पर आधुनिक दौर में बुजुर्गों को कहीं कहीं तिरस्कार सहना पड़ रहा है। यही वजह है कि वह इस पुण्य कार्य से जुड़ कर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।
इनका कहना है
बुजुर्ग पन्नलाल ने स्वेच्छा से वृद्धा आश्रम के लिए जमीन दान करने का प्रार्थना पत्र दिया था। लेखपाल से रिपोर्ट लेने के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी को उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा गया है।
कुलदेव सिंह, एसडीएम इगलास