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शहर में दिखने लगा कोरोना का असर, महंगी हुईं जेनरिक दवाएं Aligarh news

ज्यादातर दवा कंपनियां खरीद रहीं थी चाइना से कच्चा माल। सरकार ने चीन से तमाम वस्तुओं के आयात पर रोक लगाई । उत्पादन घटा 20 से 50 फीसद तक महंगी।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 09:45 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 09:07 AM (IST)
शहर में दिखने लगा कोरोना का असर, महंगी हुईं जेनरिक दवाएं Aligarh news
शहर में दिखने लगा कोरोना का असर, महंगी हुईं जेनरिक दवाएं Aligarh news

अलीगढ़ [विनोद भारती] चीन में फैले खतरनाक कोरोना वायरस (कोविड-19) का असर जेनरिक दवा बाजार पर भी दिखने लगा है। करीब एक माह के अंदर ही जेनरिक दवाइयां 20 से 50 फीसद तक महंगी हो गई हैं। वजह, जेनरिक दवाएं तैयार करने के लिए अधिकांश कच्चा माल चीन से आता था, जो अब बंद हो गया है। तमाम थोक विक्रेताओं ने सप्लाई कम बताकर कमीशन बढ़ा दी है। ऐसे में रिटेलर्स भी एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने लगे हैं। केमिस्टों के अनुसार नए बैच की दवाएं आईं तो जेनरिक दवाएं और महंगी हो जाएंगी। महामंत्री रिटेलर्स एंड केमिस्ट एसोसिएशन उमेश श्रीवास्तव का कहना है क‍ि थोक विक्रेताओं ने पुराने बैच नंबर की जेनरिक दवाइयों पर ही 20 से 50 फीसद कीमत बढ़ा दी है। रिटेलर्स का मुनाफा कम हुआ है। जल्द ही इसका असर आम ग्र्राहकों पर पड़ेगा। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू ने बताया क‍ि जनपद में रोजाना करीब दो करोड़ का ब्रांडेड दवाओं का कारोबार है। वहीं, 30 से 35 लाख रुपये की जेनरिक दवाइयों का कारोबार होता है। आपूर्ति कम होने से कीमतें बढ़ी हैं। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष सुनील राना ने कहा क‍िदवाओं के लिए चीन से आने वाला कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है। इससे जेनरिक दवा निर्माता कंपनियां दाम बढ़ा रही हैं। नए बेच की दवा आईं तो जेनरिक दवा और महंगी होंगी। 

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कच्चा माल की लागत बढ़ी

देश में 400 से अधिक जेनरिक दवा बनाने वाली कंपनियां हैं। मंदी के चलते दर्जनों दवा कंपनियां बंद भी हुईं हैं। जो कंपनियां दवा निर्माण कर रही हैं, वे अधिकतर एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (कच्चा माल) चीन से आयात करती हैं, जो अब नहीं आ रहा। घरेलू बाजार से कच्चा माल खरीदने से लागत बढऩी तय है, इसलिए कंपनियों ने प्रोडक्शन घटा दिया है। सूत्रों के अनुसार मुनाफा बढ़ाने के लिए निर्यातक भी बड़ी मात्रा में दवाएं उठा रहे हैं। ऐसे में बाजार से जेनरिक दवाएं गायब हो रही हैं। हालांकि, कंपनियां नए बेच व एमआरपी की दवाएं बाजार में उतारेंगी, इससे आम ग्र्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा।  

 जेनरिक दवाओं की थोक कीमतें 

नाम,  नई कीमत, पुरानी कीमत 

पैरासिटामोल                           6                   4.50

सेफीक्सीन                            35                  28

ओफ्लोक्सेसीन                     10                     8

सिप्राफ्लोक्सीसीन                 17                  12

कोट्राइमेक्साजॉल                  12                    8 

डाइक्लोफेनिक सोडियम          6                   4 

मेटफॉर्मिन                              9                   7

ग्लिमप्राइड 1एमजी                9                   6.5

एक्लोलिपिन, एटीनोलोल         9                  7

एंटी हिस्टामिनिक                  35                 25

सिट्राजिन                                2.50      1.90

(नोट-कीमतें रुपये प्रति 10 गोली में हैं। मेटफॉर्मिन की कीमत रुपये प्रति 15 गोली में दी गई है। 


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