जिला अस्पताल में अचानक पहुंची डीएम, गंदगी देख जताई नाराजगी, अपने सामने लगवाई झाडू
जिला मजिस्ट्रेट सेल्वा कुमारी जे. ने सोमवार को मलखान सिंह जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सीएमएस को निर्देशित किया कि चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यकता अनुसार चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जिला मजिस्ट्रेट सेल्वा कुमारी जे. ने सोमवार को मलखान सिंह जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सीएमएस को निर्देशित किया कि चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यकता अनुसार चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
कार से उतरकर सीधे सभागार में पहुंची डीएम
डीएम अपनी कार से उतर सीधे ब्लड बैंक के पास बने सभागार में पहुंचीं। डीएम ने सभागार में गंदगी का आलम देख काफी नाराजगी व्यक्त की। डीएम के पहुंचने के ठीक बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आनन्द कुमार उपाध्याय भी पहुंच गए। डीएम ने अपने सामने ही सफाई कर्मचारी से झाड़ू लगवाई और दिव्यांगजनों को बैठने के समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिए।
खाली कुर्सी मेज देखकर जतायी नाराजगी
जिला मलखान सिंह चिकित्सालय में दिव्यांगजन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहुंचे महिलाओं-पुरुषों की लंबी कतार देखकर जिलाधिकारी उस समय हैरार रह गईं, जिस सभागार की तरफ दिव्यांगजन लाइन लगाए खड़े हुए थे, उस सभागार में खाली कुर्सी मेज के अलावा और कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। जिलाधिकारी के पीछे ही तुरंत बाद पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.. रामकिशन अवकाश पर हैं। डा. के.पी. सिंह पर चार्ज है। प्रत्येक सोमवार दिव्यांग जनों के प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए पैनल बैठता है। पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा उपस्थित आए दिव्यांगजनों के आवेदन एवं दस्तावेज प्राप्त किए जाते हैं, उसके उपरांत लगभग 1 बजे चिकित्सकों के पैनल द्वारा दिव्यांगता की जांच की जाती है।
दिव्यांगजनों को अकारण इंतजार न कराएं
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी एवं कार्यवाहक सीएमएस को निर्देशित किया कि यदि उनके पास चिकित्सकों का अभाव है, तो इस समस्या को दूर करने के लिए आइएमए से सहयोग प्राप्त कर सकता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आगे से सभी प्रकार की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद मिलनी चाहिए। दिव्यांगजनों को अकारण इंतजार ना कराया जाए। उनके बैठने का समुचित इंतजाम हो। संपूर्ण चिकित्सालय परिसर साफ-स्वच्छ रहना चाहिए। उन्होंने जिला दिव्यांगजन अधिकारी को निर्देशित किया कि वह प्रत्येक सोमवार यहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते रहे।