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शिक्षक भर्तीः नौकरी के बीच सफर में आया फैसला, अभ्यर्थियों के मुरझा गए चेहरे

इलाहाबाद हाईकोर्ट से काउंसलिंग पर आई स्टे की खबर ने उत्साह पर पानी फेर दिया। काउंसिलिंग फिर भी जारी रही। एक बजे तक 309 अभ्यर्थी काउंसिलिंग करा चुके थे।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 01:05 AM (IST)
शिक्षक भर्तीः नौकरी के बीच सफर में आया फैसला, अभ्यर्थियों के मुरझा गए चेहरे
शिक्षक भर्तीः नौकरी के बीच सफर में आया फैसला, अभ्यर्थियों के मुरझा गए चेहरे

 अलीगढ़ (जेएनएन)।  कोरोना संकट के बीच बुधवार को शारीरिक दूरी जैसे तमाम बंधनों का पालन कर शिक्षक भर्ती काउंसिलिंग के लिए नौरंगीलाल राजकीय इंटर कॉलेज पहुंचे अभ्यर्थियों में गजब का उत्साह था। गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग भी सीना तानकर चेक कराई। हाथों को सैनिटाइज कर बोर्ड पर लगी लिस्ट में काउंटर पर जीवन भर की कमाई के रूप में दस्तावेज लेकर लाइन में खड़े थे। ऐसा लग रहा था, जैसे ईश्वर ने सारी मुराद पूरी कर दी। अभ्यर्थी व अभिभावकों से भरे कॉलेज परिसर में दोपहर 12 बजे तक ऐसा ही नजारा था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से काउंसलिंग पर आई स्टे की खबर ने उत्साह पर पानी फेर दिया। काउंसिलिंग फिर भी जारी रही।

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अब सुनवाई का इंतजार 

 एक बजे तक 309 अभ्यर्थी काउंसिलिंग करा चुके थे। इनमें 182 महिला व 127 पुरुष थे। काउंसिलिंग के लिए अलीगढ़, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, संभल, एटा, कासगंज, एटा, मथुरा आदि जिलों के अभ्यर्थी आए थे। अब उन्हें 12 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतजार है। प्रदेशभर में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती की काउंसिलिंग बुधवार से शुरू हुई। छह जून तक चलने वाली काउंसिलिंग में अलीगढ़ को 922 अभ्यर्थी आवंटित किए गए। शारीरिक दूरी का पालन हो सके, इसके लिए पहली बार नौरंगीलाल राजकीय इंटर कॉलेज में काउंसिलिंग की व्यवस्था की गई। 10 काउंटर बनाए गए थे। इनमें 6 महिलाओं व चार पुरुषों के लिए थे। काउंसिलिंग का समय सुबह 10 बजे रखा गया था, लेकिन अभ्यर्थियों का सुबह सात बजे ही पहुंचना शुरू हो गया था। काउंसिलिंग में 70 लोगों का स्टाफ  लगाया गया था। बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय कमान संभाले थे। 

फाइल तैयार कराने में लगे रहे अभिभावक 

कॉलेज में मेला-सा नजारा था। बोर्ड पर लगी लिस्ट देखने वालों का तो हुजूम लगा ही रहा, फाइल तैयार कराने के लिए अभिभावक भी जुटे रहे। पेड़ों की छांव ने गर्मी में राहत दी। अभ्यर्थियों ने यहीं अपना ठिकाना बना रखा था। एक-एक कागज को सावधानी से लगाया गया, ताकि कमी न रह जाए। 

फाइल जमा होने पर मिलता था चैन 

पुरुषों की तुलना में महिला अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा थी। इसलिए उनके काउंटर भी अधिक थे। एक काउंटर पर तीन-तीन शिक्षक लगाए गए। तीन-तीन लोगों को ही शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए लगाया गया था। जिसका नंबर पहले आया, उसने खुद को भाग्यशाली समझा। जिसकी फाइल जमा हुई उसने राहत की सांस ली। फाइल में सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों की मूल कॉपी जमाई कराई गईं। 

खाना भी साथ लाए 

लॉकडाउन भले ही खुल गया हो, लेकिन लोगों को बाहर की खाद्य वस्तुओं पर भरोसा नहीं है। काउंसिलिंग में यह देखने को मिला। जो लोग दूसरे जिलों से आए, खाना भी साथ लाए। 

शारीरिक दूरी की धज्जियां 

बीएसए की ओर से काउंसलिंग के लिए कितनी भी व्यवस्था की गई हों लेकिन शारीरिक दूरी की धज्जियां भी उड़ीं। इसकी शुुरुआत एंट्री गेट पर लगे बोर्ड से शुरू हो जाती थी। लिस्ट में नाम देखने के लिए अभ्यर्थी एक-दूसरे से सटे नजर आए। ड्यूटी पर लगे शिक्षक शारीरिक दूरी का पाठ पढ़ा रहे थे लेकिन कोई पालन करने को तैयार नहीं था। सबको फाइल जमा करने की जल्दी थी। 

कुछ ही पल में खुशियों पर लगा विराम 

भर्ती प्रक्रिया पर स्टे का फैसला हाईकोर्ट से दोपहर 12 बजे के आसपास आया था। तब तक काउंसिलिंग चल रही थी। फैसले की खबर जैसे आई, सबकी सांसें अटक गईं। लाइन में लगे अभ्यर्थी ज्यादा ही बेचैन दिखे। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि फाइल जमा करें या नहीं। कुछ तो लाइन तोड़कर बाहर भी निकल आए। इस ऊहापोह में एक घंटे तक काउंसलिंग चली भी। दोपहर डेढ़ बजे के आसपास बीएसए ने माइक पर एलान कराया कि काउंसिलिग रोक दी गई है। इससे पहले अभ्यर्थी बीएसए से ही पूछते रहे कि साहब अब क्या होगा? तब तक बीएसए की ओर से यही कहा जाता रहा कि हमारे पास अभी आदेश के बारे में शासन से दिशा निर्देश नहीं आए हैं। स्टे से अभ्यर्थी तो परेशान थे ही उनके अभिभावक और चिंतित दिखे। 

अभ्यर्थियों की पीड़ा 

सुबह पांच बजे गाजियाबाद से चला था। काउंसिलिंग हो गई। फाइल भी जमा कर दी। स्टे की खबर ने दुखी कर दिया। हाईकोर्ट में मामला कब तक चलेगा, कुछ पता नहीं। फाइल में मूल दस्तावेज हैं। -अनुज यादव, गाजियाबाद 

काफी मेहनत कर परीक्षा पास की थी। नौकरी को लेकर उत्साह है। अब सबको हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई का इंतजार है। उससे पहले क्या कह सकते हैं।-अनिल कुमार, विकास लोक कॉलोनी धनीपुर 

काउंसलिंग के बाद पता चला कि हाईकोर्ट का स्टे आ गया है। निराशा हुई। कुछ सवालों को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है। इस पर जल्द फैसला होना चाहिए। -योगेश कुमार, बीमा नगर सूतमिल 

काउंसिलिंग के लिए बेहतर व्यवस्था की गई थी। पानी, सैनिटाइजर का इंतजाम किया गया था। शारीरिक दूरी ा पालन कराने पर विशेेष जोर रहा। पहले दिन 309 की काउंसिलिंग हो गई थी। स्टे के बाद काउंंसिलिंग रुकवा दी। 12 जुलाई के बाद ही तय होगा कि शासन से क्या निर्देश मिलते हैं। इस बीच में किसी अभ्यर्थी को मूल दस्तावेजों की किसी और जगह जरूरत पड़ती है तो वह एफीडेबिट देकर ले जा सकता है। -डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय, बीएसए


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