अव्यवस्थाओं की गोशालाओं में गोवंशों की बेकदरी, लाखों का बजट डकार गए अफसर Aligarh news
सरकार व प्रशासन भले ही गोशालाओं में बेहतर प्रबंधन का खूब दावा करे लेकिन हकीकत काफी चौकाने वाली है। जिले की अधिकांश गोशालाओं में गोवंश को भरपेट चारा-पानी तक नहीं मिल पा रहा है। भरपेट चारा न मिलने के कारण गोवंश कमजोर हो रहे हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । सरकार व प्रशासन भले ही गोशालाओं में बेहतर प्रबंधन का खूब दावा करे, लेकिन हकीकत काफी चौकाने वाली है। जिले की अधिकांश गोशालाओं में गोवंश को भरपेट चारा-पानी तक नहीं मिल पा रहा है। भरपेट चारा न मिलने के कारण गोवंश कमजोर हो रहे हैं। हर गोशाला में अव्यवस्थाओं की भरमार है। कई गोशालाओं में तो रिकार्ड के मुकाबले आधे भी छुट्टा गोवंश नहीं है, जबकि हर दिन लाखों रुपये का बजट ठिकाने लग रहा है। वहीं, सब कुछ पता होने पर भी जिम्मेदार अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं।
इगलास ब्लाक क्षेत्र में 16 गोशालाएं
- - मोहनपुर गौशाला में 500 की क्षमता है 606 पशु हैं
- - मोहनपुर रजिस्टर्ड गौशाला में 100 की क्ष्ज्ञमता है 106 पशु है
- - उडम्बरा गोशाला में 100 कई क्षमता है 87 पशु है
- - बेसवां गोशाला में 25 की क्षमता है 23 पशु हैं
- - चिरौली गोशाला में 25 की क्षमता है 26 पशु है
- - नगला चूरा गोशाला में 25 की क्षमता है 61 पशु है
- - अगोरना गोशाला में 50 की क्षमता है 62 पशु हैं
- - सिकुर्रा गोशाला में 25 की क्षमता है 35 पशु हैं
- - सिमरधरी गोशाला में 30 की क्षमता है 36 पशु हैं
- - साथिनी गोशाला में 30 की क्षमता है 43 पशु है
- - तहरपुर गोशाला में 100 की क्षमता है 146 पशु है
- - इगलास गोशाला में 25 की क्षमता है 28 पशु है
- - कांजी हाउस में 14 की क्षमता है 14 पशु है
- - रायपुर व बहादुरपुर गोशाला में 25 की क्षमता है 25-25 पशु है
ये आंकड़े सरकारी हैं।
ये है वास्तविकता
गांव ताहरपुर स्थित गोशाला में सरकारी रिकोर्ड में 146 गोवंश है। जबकि मौके पर सौ गोवंश भी मौजूद नहीं है। यहां अव्यवस्थाओं का भी अंबार है।
- - सभी गोशालाओं के लिए सरकार से मिलने वाले धनराशि का सिर्फ जून माह तक का ही भुगतान हुआ है
- - लगभग सभी गोशालाओं में सुरक्षा घेरा टूटा हुआ है गोवंश इधर-उधर घूमते रहते हैं
- - गोशालाओं में उपचार की व्यवस्था पशुपालन विभाग द्वारा की जा रही है
- - बारिश होने पर गौशालाओं में जलभराव की समस्या हो जाती है
- - मोहनपुर, इगलास, बहादुरपुर, बेसवा को छोड़कर किसी गोशाला में हरे चारे की व्यवस्था नहीं है
- - सूखे चारे से ही भरा जाता है निराश्रित गोवंश का पेट
- - क्षेत्र में बड़ी संख्या में निराश्रित घूम रहे हैं गोवंश
इनका कहना है
निराश्रित गोवंश को पकड़ने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत व नगर पंचायत की है। जन सहभागिता में एक परिवार के व्यक्ति को तीन गाय देने का प्रावधान है। प्रत्येक गाय के हिसाब से 30 रुपये प्रतिदिन पालक को मिलता है। गोवंश के उपचार की व्यवस्था व नियमित जांच की जा रही है।
- डा. सुमित बंसल, पशु पालन विभाग