मौलिक अधिकारों के रूप में शक्तिशाली शस्त्र देता है भारतीय संविधान Aligarh news
प्रो खान ने कहा कि भारतीय संविधान भारत की सर्वोच्च विधि है। यह भारत संघ तथा राज्य सरकारों के मध्य तथा सरकार एवं नागरिकों के मध्य एक संतुलन स्थापित करता है। कहा कि भारत का संविधान भारत के लोगों को मौलिक अधिकारों के रूप में शक्तिशाली शस्त्र प्रदान करता है।
अलीगढ़, जेएनएन : एएमयू लॉ सोसाइटी की ओर से शनिवार को भारतीय संविधान व भारत की अवधारणा विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। उद्घाटन कॉमर्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. नवाब अली खान ने किया। कहा कि भारतीय संविधान भारत की सर्वोच्च विधि है। यह भारत संघ तथा राज्य सरकारों के मध्य तथा सरकार एवं नागरिकों के मध्य एक संतुलन स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान भारत के लोगों को मौलिक अधिकारों के रूप में एक शक्तिशाली शस्त्र प्रदान करता है।
हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए दिया बलिदान
मुख्य अतिथि राजनीति विज्ञान के प्रो. मुहीबुल हक ने कहा कि संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान को लिखते समय एक ऐसे देश की अवधारणा की थी, जो कि समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, जनतांत्रिक गणतंत्र हो। यह हमारे संविधान की प्रस्तावना से झलकता है। लॉ सोसाइटी के अध्यक्ष एवं विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो. शकील समदानी ने कहा कि हमारे पूर्वज जिन्होंने आजादी के लिए बलिदान किया, वह एक ऐसा देश चाहते थे, जहां किसी के साथ भी भेदभाव न हो। स्वागत भाषण असिस्टेंट प्रो. मोहम्मद नासिर ने दिया। संचालन सचिव आयशा अल्वी ने किया। अतिथियों का परिचय रजत शांडिल्य, महलका अबरार व कैफ सिद्दीकी ने किया। इस दौरान कुमारी शैलजा सिंह व फौजिया आदि मौजूद रहीं।