अलीगढ़ में सड़क के हालात ऐसे हैं कि लोग कहनेे लगे - ऐ भाई जरा देखकर चलो, आगे ही नहीं पीछे भी
ऐ भाई...जरा देखकर चलो...। मेरा नाम जोकर का ये गीत तो सुना ही होगा। फिर तो यह भी पता होगा कि इसे अलीगढ़ के महाकवि गोपालदास नीरज ने लिखा था। यदि आप उनके जिले की सड़कों पर सफर कर रहे हैं तो इस गीत को दिमाग में रखकर चौकन्ने रहिए।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। ऐ भाई...जरा देखकर चलो...। मेरा नाम जोकर का ये गीत तो सुना ही होगा। फिर तो यह भी पता होगा कि इसे अलीगढ़ के महाकवि गोपालदास नीरज ने लिखा था। यदि आप उनके जिले की सड़कों पर सफर कर रहे हैं तो इस गीत को दिमाग में रखकर चौकन्ने रहिए। यानी संभल कर चलिए। यहां हर रोज कहीं न कहीं हादसा हो ही जाता है। इनमें मरने व घायल होने वालों की सूची में इस साल पिछले सारे रिकार्ड को ध्वस्त कर आठवें नंबर से छलांग लगाकर चौथे नंबर पर पहुंच गया है। पिछले पांच साल में हत्या व अन्य घटनाओं की अपेक्षा करीब साढ़े तीन हजार लोग इन हादसों में अकाल मौत के मुंह में समा चुके हैं। जिले में सरकारी विभागों की फाइलों में तमाम ब्लैक स्पाट भी बने हुए हैं। हर छह माह में जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति इनका भौतिक सत्यापन भी करती है और हादसों से बचाव को तमाम उपाय भी सुझाती है। किंतु वास्तविकता के धरातल में ऐसा दिखाई नहीं पड़ता है। ऐसा पिछले कई सालों से चला आ रहा है, लेकिन हालात नहीं बदले हैं। हादसों के बढ़ते ग्राफ पर प्रस्तुत है रिंकू शर्मा की रिपोर्ट.....
बढ़ रहा हादसों का ग्राफ
जिले में वर्ष 2019-20 में सड़क दुर्घटनाओं में 64 प्रतिशत मौतें अधिक रफ्तार से वाहन चलाने के चलते हुई थीं। यही हाल इस साल भी है। प्रदेश भर में होने वाले सड़क हादसों में मौत के मामले में कानपुर पहले लखनऊ दूसरे व अलीगढ़ चौथे स्थान पर है।
नहीं बदले हालात
जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति ब्लैक स्पाट के तौर पर चिह्नति 12 स्थानों का भौतिक सत्यापन कर सुझाव व प्रस्ताव भेज रही है। फिर भी शहरी क्षेत्र में नगर निगम, पुलिस व सड़क सुरक्षा एजेंसियां सुधार कार्य नहीं करा सकी हैं।
ब्लैक स्पाट पर होने वाले हादसों का विवरण
ब्लैक स्पाट, हादसे, मौत, घायल
-अबंतीबाई चौराहा अतरौली, 09, 07, 19
- बरौठा नहर, हरदुआगंज, 10, 08,16
- गंगीरी, 06, 04, 12
- गोपी, अकराबाद, 04, 05, 06
- पनैठी, 10, 04, 11
- नानऊ, 05, 05, 07
- खेरेश्वर -लोधा, 14, 07, 26
- लोधा, 11, 08, 04
- चूहरपुर गभाना, 08, 04, 05
- बरौली मोड़, 09, 07, 18
- मुकंदपुर- मडराक,07, 06, 03
- पीतल फैक्ट्री- मडराक, 06, 04, 21
(एक जनवरी से 25 सितंबर 2021 तक: स्रोत परिवहन विभाग)
कंडम वाहनों से खतरा
2.4 फीसद हादसे वाहनों की हालत जर्जर होने से होते हैं
20 हजार वाहन कंडम घोषित किए जा चुके हैं जिले में
10 हजार कंडम आटो शहर में बिना किसी भय चल रहे हैं
हादसों पर नजर
- - 600 से अधिक हादसे इस साल अब तक जिले में हो चुके हैं
- - 09 माह में 506 लोग गवां चुके हैं हादसों में जान
- - 05 माह में ही 265 लोगों ने सड़क हादसों में गंवाई जान
- -169 दोपहिया सवार अकाल मौत के मुंह में समा गए जो बिना हेलमेट ही वाहन चला रहे थे।
- - 50 से अधिक लोगों की हर माह सड़क हादसों में होती है मौत
- - 3082 लोगों की मौत हो चुकी है पिछले पांच साल में
- -628 सड़क हादसे हुए बीते साल, जिसमें 432 लोगों की गई जान
- - 12 ब्लाक स्पाट हैं जिले में
- -700 से अधिक वाहनों पर रोजाना यातायात नियमों को तोड?े पर होती है कार्रवाई
- - 53 हजार से अधिक वाहनों पर पिछले तीन माह में हो चुकी है कार्रवाई, 2.65 करोड़ रुपये का वसूला गया जुर्माना
पिछले पांच साल में हुए सड़क हादसे
वर्ष, हादसे, मृतक, घायल
2017, 810, 451, 702
2018, 839, 466, 817
2019, 929, 530, 928
2020, 628, 432, 463
2021, 652, 506, 563
(नोट: सभी आंकड़े 25 सितंबर 2021 तक)
इनका कहना है
जिले में चिह्नति ब्लैक स्पाट पर खामियों में सुधार के लिए मिले प्रस्तावों को लेकर पुलिस-प्रशासन, नगर निगम व पीडब्ल्यूडी से सामंजस्य स्थापित कर समस्या निराकरण कराया गया है। ब्लैक स्पाट के अलावा जिन जगहों पर हादसे बढ़ गए हैं वहां पर भी वजह ढूंढ़कर सुधार कार्य कराया जाएगा।
- केडी सिंह गौर, आरटीओ प्रशासन
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जिले में हो रहे हादसों की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। यातायात नियमों के पालन व सुरक्षित संचालन को आमजन व वाहन चालकों को जागरूक करने का अभियान भी चलाया जा रहा है।
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी