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शहर की आबादी 12 लाख, डेढ़ लाख से अधिक लोग रहते हैं किराये पर Aligarh news

शहर की आबादी करीब 12 लाख है। इनमें से डेढ़ लाख से अधिक लोग किराये पर रहते हैं जिनमें से आधे से ज्यादा बिना पुलिस सत्यापन के रह रहे हैं ।

By Parul RawatEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 05:33 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 05:33 PM (IST)
शहर की आबादी 12 लाख, डेढ़ लाख से अधिक लोग रहते हैं किराये पर Aligarh news
शहर की आबादी 12 लाख, डेढ़ लाख से अधिक लोग रहते हैं किराये पर Aligarh news

अलीगढ़ [रिंकू शर्मा]। शायद 20 जनवरी को  क्वार्सी  के रामघाट रोड के रामस्नेही नगर में हुई घटना तो याद ही होगी। परचून कारोबारी दिनेश शर्मा के बेटे का मकान में ही किराये पर रहने वाले  कासगंज  के जितेंद्र कुमार ने फिरौती के लिए अपहरण किया था। पुलिस ने आरोपित को आगरा से दबोचकर बच्चे को सकुशल बरामद किया था । इसी थाना क्षेत्र स्थित एफएम टॉवर के पास  गुलिस्तां  कॉलोनी में एक्सरे टेक्नीशियन के घर में  पड़ोस  में रहने वाले बदमाशों ने  दिनदहाड़े  लाखों की लूट की थी । ऐसी जिले में कई घटनाएं हुई हैं । इसके बाद भी किरायेदार के सत्यापन की जरूरत नहीं समझी जा रही। शहर की आबादी करीब 12 लाख है। इनमें से डेढ़ लाख से अधिक लोग किराये पर रहते हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा बिना पुलिस सत्यापन के रह रहे हैं । कई आपराधिक घटनाओं में शामिल अपराधियों की  धरपकड़  के दौरान भी पुलिस को ऐसे मामले देखने को मिले हैं। बिना पुलिस सत्यापन के किरायेदार रखना  बड़ी  चूक है। हो सकता है कि आपके घर में किरायेदार के रूप में अपराधी शरण ले रहा हो। किरायेदार का सत्यापन न कराने वालों पर पुलिस सख्त रुख अपनाने जा रही है । किरायेदार आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है और उसका सत्यापन भी नहीं कराया गया है तो मकान मालिक पर कार्रवाई होगी ।

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ऐसे कराएं किरायेदार का सत्यापन

मकान स्वामियों को किरायेदार रखने के साथ सत्यापन भी कराना अनिवार्य है। क्षेत्र के थाने या यूपी पुलिस की वेबसाइट पर जाकर किरायेदार के सत्यापन का फार्म डाउनलोड करना होगा। इसमें नौकर व किरायेदार का पासपोर्ट साइज फोटो, नाम, पते को सत्यापित करने वाली फोटो आइडी (आधार कार्ड, राशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, फोटो मतदाता पहचानपत्र, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर) दर्ज करना होगा। आप मैन्युअल  वेरीफिकेशन  फार्म भी भर सकते हैं।

जागरूकता का अभाव

पुलिस अधिकारी बताते हैं कि लोग अभी जागरूक नहीं है । तमाम अभियान व प्रचार प्रसार के बावजूद बहुत कम लोग ही किरायेदारों व घरेलू नौकरों का सत्यापन कराते हैं।

बीट  कांस्टेबिल  पर है सत्यापन का जिम्मा

जिले में 27 थानों में तैनात बीट कांस्टेबलों पर अपने- अपने हल्का क्षेत्रों की निगरानी व वहां रहने वाले लोगों की सटीक जानकारी रखने का जिम्मा है। इतना ही नहीं किराएदारों व घरेलू नौकरों की जानकारी भी उनकी बीट बुक में दर्ज होनी चाहिए, लेकिन हकीकत में ऐसा देखने को नहीं मिलता है।

क्या कहता है कानून

- किरायेदार का सत्यापन न कराना सीआरपीसी की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध है। एक माह की सजा व 200 रुपये का जुर्माना हो सकता है ।

- मकान मालिक की चूक से मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न होता है तो छह महीने की सजा व 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है ।

जिले में सत्यापन की स्थिति

वर्ष, किरायेदार, घरेलू नौकर, अपराधी

2010,2989,218,17

2015,6498,412,31

2020,10262,719,43

एसएसपी  मुनिराज  का कहना है कि किरायेदारों व नौकरों का सत्यापन कराने को लेकर लोगों में  भ्रांतियां  हैं। उन्हें डर रहता है कि कहीं इनकम टैक्स न अदा करना पड़े। पुलिस उनकी गोपनीय सूचनाओं को कभी किसी से शेयर नहीं करती है। किरायेदार व नौकर रखने से पहले पुलिस से सत्यापन जरूर कराएं ।


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