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अलीगढ़ में कराहती स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था की पुकार, ट्रामा सेंटर जल्‍दी बनवाओ सरकार

करीब तीन साल पूर्व यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिग प्रोग्राम के अंतर्गत दीनदयाल अस्पताल में ट्रामा सेंटर बनाने की कवायद शुरू हुई। नई अल्ट्रासाउंड मशीन पोर्टेबल डिजिटल एक्स-रे चार एलईडी व अन्य उपकरण भी मिल गए। फिर अचानक ट्रामा सेंटर बनाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 08:13 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 08:16 AM (IST)
अलीगढ़ में कराहती स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था की पुकार, ट्रामा सेंटर जल्‍दी बनवाओ सरकार
अलीगढ़ में विधानसभा चुनाव में फिर से ट्रामा सेंटर की मांग लोगों के द्वारा उठाई जा रही है।

विनोद भारती, अलीगढ़।  ट्रामा सेंटर...। ऐसा आपातकालीन चिकित्सीय केंद्र, जिसमें सड़क व अन्य हादसों में घायल हुए रोगियों के प्राथमिक उपचार से लेकर आपरेशन तक की सुविधा होती है। विशेषज्ञ व ट्रेंड स्टाफ ही नहीं, अत्याधुनिक उपकरणों से भी लैस होता है। अफसोस, जनपद में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ने के बाद भी किसी सरकारी अस्पताल या अन्यंत्र एक भी ट्रामा सेंटर संचालित नहीं। इससे लोग घायल को टेंपो-टिर्री, कार, एंबुलेंस में लेकर सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। कहीं पर प्राथमिक उपचार मिल जाता है तो कहीं पर वह भी नहीं। कई घायल उचित उपचार मिले बिना ही दम तोड़ देते हैं। कुछ रोगियों की जान जेएन मेडिकल कालेज या फिर निजी ट्रामा सेंटर में भर्ती हो जाने के कारण बच पाती है। इस विधानसभा चुनाव में फिर से ट्रामा सेंटर की मांग लोगों के द्वारा उठाई जा रही है।

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जसरथपुर ट्रामा सेंटर की इमारत बनी, संसाधन नदारद

सपा सरकार में जिला मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर दूर जीटी रोड के किनारे जसरथपुर में 3348.77 वर्ग गज जमीन ट्रामा सेंटर के नाम की गई है। यहां 1.66 करोड़ रुपये से भवन निर्मित हुआ। लेकिन, आज तक ट्रामा सेंटर में न तो विशेषज्ञ व स्टाफ की नियुक्ति हुई और न मानक के अनुरूप संसाधन ही उपलब्ध कराए गए। स्वास्थ्य विभाग ने यहां एक या दो एमबीबीएस डाक्टर व कुछ स्टाफ की नियुक्ति करके ट्रामा सेंटर शुरू करने की रिपोर्ट शासन को भेज दी। वर्तमान में यह कथित ट्रामा सेंटर डिस्पेंसरी की तरह संचालित किया जा रहा है। पुलिस व अन्य लोग घायलों को लेकर सेंटर पर पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें तुरंत जिला मलखान सिंह चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है। दोपहर दो बजे के बाद स्टाफ नदारद हो जाता है, वहीं रात के समय यहां सन्नाटा पसरा रहता है।

दीनदयाल अस्पताल में शुरू हुई थी कवायद

करीब तीन साल पूर्व यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिग प्रोग्राम के अंतर्गत दीनदयाल अस्पताल में ट्रामा सेंटर बनाने की कवायद शुरू हुई। नई अल्ट्रासाउंड मशीन, पोर्टेबल डिजिटल एक्स-रे, चार एलईडी व अन्य उपकरण भी मिल गए। फिर, अचानक ट्रामा सेंटर बनाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। ट्रामा सेंटर बनने से आमजन को काफी सहूलियत मिलेगी।

इनका कहना है

क्षेत्र में कोई हादसा हो जाए तो घायल को सीएचसी ले जाते हैं, जहां से उसे अलीगढ़ के जिला अस्पताल या दीनदयाल अस्पताल रेफर कर देते हैं। घायल की हालत गंभीर देखते ही वहां से मेडिकल कालेज या हायर सेंटर भेज दिया जाता है। तब गरीब मरीजों के लिए इलाज कराना और मुश्किल हो जाता है।

- लोकेश वार्ष्णेय, व्यापारी-अतरौली।

सपा सरकार में यहां ट्रामा सेंटर बना था। काफी समय बीत गया। अभी यहां मरहम पट्टी या बुखार की दवा बमुश्किल मिल पाती है। हादसा होने पर स्थानीय लोगों व राहगीरों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा। कथित ट्रामा सेंटर में एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड मशीन तक नहीं। घायलों को अलीगढ़ ले जाना पड़ता है।

- रामखिलाड़ी सविता, गांव जसरथपुर।

जसरथपुर में ट्रामा सेंटर बनने पर लोगों को काफी खुशी हुई थी कि अब हादसा या कोई बड़ी बीमारी होने पर तुरंत इलाज मिलेगा। वर्षों बीतने के बाद भी ट्रामा की सुविधा तो दूर, यहां पीएचसी की सुविधाएं भी नहीं है। सरकार यहां अच्छे डाक्टरों व अन्य संसाधन की व्यवस्था करे, ताकि मरीजों को लाभ मिले।

- अशोक कुमार, गांव जसरथपुर।

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खैर में घायलों के इलाज की कोई सुविधा नहीं है। क्षेत्र में कोई हादसा होने पर घायल को लेकर नोेएडा, गाजियाबाद या दिल्ली जाते हैं। क्योंकि, खैर से 30 किलोमीटर दूर अलीगढ़ जाने से भी कोई फायदा नहीं। वहां से भी मरीज को दिल्ली-नोएडा रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में समय और धन दोनों की बर्बादी होती है।

- ठा. अशोक कुमार चौहान, मोहल्ला गंज-खैर।

राजनेताओं के बोल

जिले में घायलों व गंभीर रोगियों के इलाज की काफी समस्या है। सपा, बसपा, भाजपा की सरकारें प्रदेश में रहीं, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं नहीं सुधारी गईं। कांग्रेस की सरकार बनी तो मेडिकल कालेज की तर्ज पर ट्रामा सेंटर बनेगा। ब्लाक स्तर पर भी ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे।

- ठा. संतोष सिंह जादौन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष।

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बसपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं पर सर्वाधिक कार्य हुआ। गांव तक सेवाएं पहुंचाने के लिए सब सेंटरों की संख्या दोगुनी कर दी गई। होम्योपैथी मेेडिकल कालेज की स्थापना कराई गई। बसपा की सरकार सत्ता में आई तो मंडल मुख्यालय पर अत्याधुनिक सुविधाअों से लैस ट्रामा सेंटर बनवाएंगे।

रतन दीप सिंह, बसपा जिलाध्यक्ष

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सपा सरकार में जसरथपुर में ग्राम समाज की भूमि पर ट्रामा सेंटर के लिए भवन बनाया गया। डाक्टर व स्टाफ के पद भी स्वीकृत कर दिए गए। भाजपा सरकार ने इसे मानक के अनुसार संचालित करने में रूचि नहीं दिखाई। यदि फिर सपा की सरकार आई तो प्राथमिकता से शुरू करेंगे। इमरजेंसी सेवाअों को भी सुधार जाएगा।

- गिरीष यादव, सपा जिलाध्यक्ष।

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स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना काम भाजपा सरकार ने किया है, अब तक किसी सरकार ने नहीं किया। स्वास्थ्य सेवाएं पहले से काफी बेहतर हुई हैं। पूर्ववर्ती सरकारों के समय सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन और वैंटीलेटर तक नहीं थे। दोबारा सरकार बनने पर ट्रामा सेंटर का भी मानक के अनुसार संचालन कराया जाएगा।

- चौधरी ऋषिपाल सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष।


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