Move to Jagran APP

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : हाथरस के सिकंदराराऊ सीट से टिकट के पत्ते नहीं खुलने से कशमकश जारी

जनपद की सिकंदराराऊ विधानसभा सीट पर बसपा छोड़कर अन्य पार्टी प्रत्याशियों का इंतजार है। रालोद-सपा गठबंधन के तहत सपा अपने कोटे से जहां पिछड़ों पर दाव लगा सकती है। वहीं भाजपा बसपा प्रत्याशी को देखते हुए किसी मजबूत प्रत्याशी की तलाश में हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 01:25 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 01:41 PM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : हाथरस के सिकंदराराऊ सीट से टिकट के पत्ते नहीं खुलने से कशमकश जारी
जनपद की सिकंदराराऊ विधानसभा सीट पर बसपा छोड़कर अन्य पार्टी प्रत्याशियों का इंतजार है।

हाथरस, जागरण संवाददाता। जनपद की सिकंदराराऊ विधानसभा सीट पर बसपा छोड़कर अन्य पार्टी प्रत्याशियों का इंतजार है। रालोद-सपा गठबंधन के तहत सपा अपने कोटे से जहां पिछड़ों पर दाव लगा सकती है वहीं भाजपा, बसपा प्रत्याशी को देखते हुए किसी मजबूत प्रत्याशी की तलाश में हैं।

loksabha election banner

वर्तमान में भाजपा के विधायक वीरेंद्र सिंह राणा काबिज हैं

सिकंदराराऊ विधानसभा सीट पर इस समय भाजपा से विधायक वीरेंद्र सिंह राणा हैं। भाजपा में विधायक के अलावा क्षत्रिय समाज से लंबी फेहरिश्त है। इस फेहरिश्त में नए चेहरों के अलावा पुराने चेहरे हैं। एक पूर्व विधायक का नाम भी चल रहा है।बसपा के दाव के बाद भाजपा सजातीय ध्रुवीकरण रोकने के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। बसपा ने यहां से क्षत्रिय समाज के अवधेश कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने कैडर वोट के अलावा क्षत्रिय समाज के वोट मिलाकर समीकरण बनाने की कोशिश की है। वहीं सपा से क्षत्रिय समाज के अलावा पिछड़ी जाति के लोग भी दावेदार हैं। पिछली बार चुनाव में बसपा से बनी सिंह बघेल दूसरे नंबर पर रहे थे। उस समय लहर थी। अब परिस्थितियां अलग है। इस बार जातिगत समीकरण को देखते हुए सपा परंपरागत यादव व मुस्लिम के साथ पिछड़े वर्ग के अन्य वोटों को लेकर दाव खेलना चाहती है। हाल ही में अमर सिंह यादव भी सपा में शामिल हुए हैं। अभी भाजपा व सपा से सूची का इंतजार है। सपा ने नाम तो घोषित कर दिए हैं। लेकिन अलीगढ़ कुछ दावेदारों को ही बी प्रमाणपत्र जारी किया है। इसलिए वहां अभी फेरबदल की संभावना है।

हाथरस सीट को लेकर घमासान

हाथरस सीट सीट को लेकर घमासान चल रहा है। सुरक्षित सीट को लेकर कई नए व पुराने चेहरे दाव लगा रहे हैं। महिला प्रत्याशियों के अलावा पुरुष प्रत्याशी हैं। हाईकमान भी अभी कोई फैसला नहीं कर पा रहा है। अभी यहां की सीट के लिए इंतजार करना होगा।

रामवीर के आने से मिलेगी मजबूत

पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने पार्टी कई निशाने साध रही है। रामवीर उपाध्याय जनपद में पांच बार विधायक रहे हैं। वे सिकंदराराऊ सीट से भी विधायक बन चुके हैं। तीनों सीटों पर भाजपा काबिज होना चाहती है। पिछले चुनाव में भाजपा को तीन में से दो ही सीट मिली थी। इस बार भाजपा भी सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले के साथ ब्राह्मणों को भी साधने में लगी हुई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.