यहां ''टैबलेट'' न मिलने से मिल रहा सुकून, जानिए मामला Aligarh news
अक्सर टेबलेट किसी भी बीमारी में राहत देती है। मगर शिक्षा क्षेत्र की बात हो तो समय से स्कूल न आने व जल्दी चले जाने की बीमारी शिक्षकों को खासतौर पर रास आती है। बीमारी दूर करने के लिए शासन की ओर से आनलाइन हाजिरी लगाने की योजना बनाई थी।
अलीगढ़, जेएनएन । अक्सर टेबलेट किसी भी बीमारी में राहत देती है। मगर शिक्षा क्षेत्र की बात हो तो समय से स्कूल न आने व जल्दी चले जाने की बीमारी शिक्षकों को खासतौर पर रास आती है। इस बीमारी को दूर करने के लिए शासन की ओर से आनलाइन हाजिरी लगाने की योजना बनाई थी। इसके लिए शिक्षकों को टैबलेट वितरण की ओर से भी कदम बढ़ाया गया। मगर क्रय आदेश जारी होने के बावजूद कोरोना संक्रमण काल के चलते शिक्षकों को टैबलेट नहीं मिल पाए हैं।। ये टैबलेट का न मिल पाना शिक्षकों को काफी सुकून दे रहा है। क्योंकि अगर शिक्षकों के हाथों में शासन ने टैबलेट पकड़ा दिया तो उनकी समय से स्कूल न आने व जल्दी स्कूल से जाने वाली बीमारी खत्म हो जाएगी।
मनमानी करने वाले शिक्षकों को रास नहीं आएगी
शायद ये मनमानी करने वाले कुछ शिक्षकों को रास न आए। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में गुरु-शिष्यों दोनों की हाजिरी टैबलेट पर लगवाने की व्यवस्था की जा रही थी। पहले टैबलेट पर गुरुजनों की हाजिरी लगवाने की योजना थी। अब विद्यार्थियों की हाजिरी भी गुरुजनों के साथ ही आनलाइन होगी। इस संबंध मेंं शासन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए थे। इससे नियमित छात्रों की निगरानी भी होगी और एमडीएम वितरण में होने वाले घपले पर भी लगाम लगेगी। अब कम छात्रों को एमडीएम बांटकर रजिस्टर में ज्यादा संख्या दर्ज करने का खेल नहीं किया जा सकेगा। मगर कोरोना संक्रमण काल के चलते अभी यह व्यवस्था परवान नहीं चढ़ सकी है। इसलिए इसका सुकून भी कुछ उन शिक्षकों को जरूर मिल रहा होगा जो नियमित व समय पर विद्यालय पहुंचने मेें हीलाहवाली करते हैं।
जिले में नियमित शिक्षकों की संख्या 5500 के करीब
जिले में 1766 प्राइमरी व 733 जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें करीब 2.48 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। जिले मेें नियमित शिक्षकों की संख्या करीब 5500 है। इनके अलावा लगभग 3000 शिक्षामित्र व अनुदेशक शिक्षण कार्य कराते हैं। इन सभी की हाजिरी स्कूल खुलने पर टैबलेट पर आनलाइन लगाने की योजना थी। टैबलेट मुहैया कराने के लिए क्रय आदेश पहले भी जारी किए गए लेकिन कोरोना काल के चलते व्यवस्थाएं अटक गईं। उम्मीद की जा रही है कि कोरोना काल में के बाद स्कूल खुलने पर योजना का क्रियान्वयन किया जाए। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि शिक्षकों की आनलाइन माध्यम से हाजिरी लगाने की व्यवस्था शासनस्तर से करने की योजना है। मगर टैबलेट बंटने व उस पर हाजिरी लगाने के संबंध में शासन से आदेश आने के बाद ही कोई योजना क्रियान्वित की जाएगी।