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Family planning : सुनीता ने किया कमाल, आठ पुरुषों की कराई नसबंदी Aligarh news

परिवार नियोजन के स्थाई साधन नसबंदी को लेकर पुरुष संकोच करते हैं वहीं खैर सीएचसी से संबद्ध आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी ने कमाल कर दिया। मंगलवार को वह छह पुरुषों को लेकर सीएचसी पहुंच गईं मामला पता चला तो अधिकारी भी अचंभित रह गए।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 05:51 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 08:59 AM (IST)
Family planning : सुनीता ने किया कमाल, आठ पुरुषों की कराई नसबंदी Aligarh news
खैर सीएचसी से संबद्ध आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता ।  परिवार नियोजन के स्थाई साधन नसबंदी को लेकर पुरुष संकोच करते हैं, वहीं खैर सीएचसी से संबद्ध आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी ने कमाल कर दिया। मंगलवार को वह छह पुरुषों को लेकर सीएचसी पहुंच गईं, मामला पता चला तो अधिकारी भी अचंभित रह गए। सभी ने सुनीता के कार्य की प्रशंसा की। इस तरह उन्होंने एक ही दिन में छह पुरुष नसबंदी का रिकार्ड अपने नाम दर्ज किया। इससे पूर्व 21 सितंबर को भी दो पुरुषों ने सीएचसी पर लगे कैंप में पहुंचकर नसबंदी कराई थी।

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जहां सरकार हुई निराश वहां सुनीता ने जगाई आस

जिले में पुरुष नसबंदी की स्थिति काफी खराब है। अनेक अभियानों के बाद भी सरकार पुरुषों को नहीं मना पा रही। इसके लिए पिछले दिनों सास-बहू और बेटा सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। यूं तो पूरा विभाग का तंत्र परिवार नियोजन में जुटा है, लेकिन गांव शिवाला कला की आशा कार्यकर्या सुनीता देवी ने पुरुष नसबंदी के लिए घर-घर जाकर पुरुषों को जागरूक किया। एक ही दिन में छह पुरुष नसबंदी की सेवा प्राप्त करने के लिए राजी हो गए। सुनीता देवी का वर्ष 2006 में आशा कार्यकत्री के रूप में चयन हुआ। उनके बेहतर कार्यों को देखते हुए 2017 और 2018 में आशा सम्मेलन में सम्मानित किया गया। 122 महिलाओं की नसबंदी करा चुकी हैं।

इनका कहना है

ग्रामीण परिवेश में नसबंदी पर बात करना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। किसी पुरुष से परिवार नियोजन में सहयोग कम मिलता है। हमने पहले लोगों को छोटा परिवार -खुशी परिवार की खूबियां बताईं। योग्य महिला व पुरुषों की काउंसिलिंग की। इससे पूर्व 20 पुरुषों की जिला अस्पताल में नसबंदी कराईं। हालांकि, थोड़ा प्रयास और किया जाए तो सफलता मिल सकती है।

- सुनीता देवी, आशा कार्यकर्ता।

परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। जनसंख्या स्थिरता से ही सीमित साधनों का समुचित उपयोग कर सभी को बेहतर जीवन प्रदान किया जा सकता है। सुनीता देवी की तरह अन्य आशा कार्यकर्ता भी लोगों को पुरुष व महिला नसबंदी के लिए आगे लाएं।

- डा. एसपी सिंह, नोडल अधिकारी-परिवार नियोजन।


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