शहरवासियों ने दिए सुझाव : अलीगढ़ में ट्रांसपोर्ट नगर बने, तभी होगा ट्रैफिक सिस्टम में सुधार
चार सितंबर अलीगढ़ के इतिहास में दर्दनाक घटना में रूप में दर्ज हो गया है। इसका दर्द हादसे में मारे गए उन 13 लोगों के परिवारों को जीवनभर सालता रहेगा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। चार सितंबर अलीगढ़ के इतिहास में दर्दनाक घटना में रूप में दर्ज हो गया है। इसका दर्द हादसे में मारे गए उन 13 लोगों के परिवारों को जीवनभर सालता रहेगा। भीषण हादसे के बाद से पूरे जिले में बेतरतीब ट्रैफिक सिस्टम के खिलाफ आवाज उठी। इसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया और शहर के अंदर से प्राइवेट बस अड्डों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। धीरे-धीरे शहर का ट्रैफिक सिस्टम फिर पुराने ढर्रे पर आता जा रहा है। तालानगरी स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित ' पाठक पैनल ' में शहर की इसी समस्या पर मंथन हुआ। अधिकतर पाठकों के सुझाव थे कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित किया जाए। अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाए। प्रशासन चुस्त रहेगा तो निश्चित ही बदलाव आएगा। संपादकीय प्रभारी नवीन सिंह पटेल ने सभी का स्वागत किया।
समस्या का हो स्थाई समाधान
पाठकों ने कहा कि रामघाट रोड और शहर के अंदर आगरा रोड दिनभर जाम से जूझता रहता है। इसके स्थायी समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। अलीगढ़ ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अजयपाल सिंह नेकहा कि ट्रांसपोर्ट नगर बहुत जरूरी है। इससे बड़े वाहनों का शहर में प्रवेश नहीं होगा और जाम से निजात मिलेगी।
हो सकता है बड़ा हादसा
ज्ञान महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर ललित उपाध्याय ने कहा कि सासनीगेट का बस अड्डा आगरा रोड पर ओवरब्रिज के पास कर दिया गया है। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सामने से आते वाहन दिखाई नहीं देते हैं।
ट्रैफिक सिस्टम में सभी करें सहयोग
उद्यमी गौरव मित्तल ने कहा कि रामघाट रोड की तरफ बाईपास जरूरी है, जिससे नए शहर के लोगों को जाम से निजात मिलेगी। किरन प्रताप सिंह व पवन कुमार ने कहा कि ट्रैफिक सिस्टम में हमें भी सहयोग करना होगा, तभी व्यवस्था सुधरेगी। पीएस चौहान ने कहा कि प्रशासन चाहे तो ट्रैफिक सिस्टम 24 घंटे में ठीक हो सकता है। करन सचदेवा, युवराज किशोर, धर्मेंद्र वोरा, विमल वाष्र्णेय ने भी अपनी बात रखी।
प्रशासन की सराहना
पाठक पैनल में 24 घंटे के भीतर प्राइवेट बस अड्डों को बाहर किए जाने पर सभी ने प्रशासन की सराहना की। कहा, जो काम कोई नहीं कर सका, उसे वर्तमान प्रशासन ने कर दिखाया। इसी प्रकार उन्हें शहर का टै्रफिक सिस्टम भी ठीक करना चाहिए।
ये आए सुझाव
- प्रमुख स्कूल बच्चों के लिए अपनी बसें लगाएं और उसे विद्यालय परिसर में खड़ा करें।
- रोडवेज बस अड्डे को भी शहर से बाहर करना चाहिए।
- ई-रिक्शा वालों पर लगाम लगाई जाए।
-क्वार्सी चौराहे के पास किए गए बस अड्डे वहां से भी हटाया जाए।
-अतिक्रमण पर व्यापक अभियान चलाया जाए।