अलीगढ़, जेएनएन। 21 सितंबर से माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा नौ से
12वीं
तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए कॉलेज नहीं बुलाया जाएगा। केवल अभिभावकों से लिखित में अनुमति मांगी जाएगी। यानी जो अभिभावक अपने बच्चों को कोरोना काल में स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं, वो लिखित में प्रार्थनापत्र कॉलेज में जमा कराएंगे। सभी विद्यालयों में ये प्रक्रिया अपनाकर अनुमति पत्रों को को इकट्ठा किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट
डीआइओएस
कार्यालय में दी जाएगी। यहां से यह रिपोर्ट शासन व बोर्ड को भेजी जाएगी। इससे अनुमान लगाया जा सकेगा कि कितने प्रतिशत अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं। इसके आधार पर कॉलेज खोलने या बंद रखने का निर्णय सरकार लेगी।
डीआइओएस
डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में कॉलेज खोलने व पढ़ाई कराने के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइंस नहीं हैं। विद्यार्थी की कोई शंकाएं हैं तो उसको क्लियर करने के लिए कॉलेजों में ड्रॉप बॉक्स की सुविधा की गई है। अभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को बुलाने व शिक्षण कार्य कराने पर कोई निर्णय नहीं किया गया है।
केवी में भी
डाउट्स
क्लियर करने की व्यवस्था
केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज ने बताया कि नौवीं से
12वीं
तक के विद्यार्थी अपनी शंकाएं दूर करने को आ सकते हैं। बशर्ते उनको अभिभावकों की अनुमति लिखित में मिली हो। ऐसे में स्कूल की ओर से नौवीं,
10वीं
और 11वीं,
12वीं
के बच्चों को किस-किस दिन शंकाएं दूर करने आने की अनुमति होगी, इसके बारे में फोन से बच्चों को बता दिया जाएगा।