Move to Jagran APP

CAA: एएमयू के इतिहास में छात्रों ने पहली बार फूंका कुलपति का पुतलाAligarh News

एएमयू की तहजीब पुतले के साथ दफन हो गई। ये पुतला था कुलपति यानी शेखउलजामिया का जिन्हें छात्र वालिद भी कहते हैं। बाबे सैयद पर कुलपति के साथ रजिस्ट्रार का भी पुतला दहन किया गया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 10:18 AM (IST)
CAA: एएमयू के इतिहास में छात्रों ने पहली बार फूंका कुलपति का पुतलाAligarh News
CAA: एएमयू के इतिहास में छात्रों ने पहली बार फूंका कुलपति का पुतलाAligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]: एएमयू की तहजीब  पुतले के साथ 'दफन' हो गई। ये पुतला था कुलपति यानी शेखउलजामिया का, जिन्हें छात्र वालिद भी कहते हैं। बाबे सैयद पर कुलपति के साथ रजिस्ट्रार का भी पुतला दहन किया गया। यूनिवर्सिटी के इतिहास में संभवत: यह पहला मामला था, जब पुतले जलाए गए हों। छात्र यहीं नहीं रुकें, उन्होंने कलम थामने वालों हाथों में जूते उठाए और हवा में लहराते हुए पुतलों पर बरसाए भी। प्रॉक्टोरियल टीम बेबस नजर आई। किसी की कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई। शनिवार को प्रॉक्टोरियल टीम को भी छात्रों ने जूते दिखाए थे।

loksabha election banner

नारेबाजी से जताया विरोध

एएमयू में 15 दिसंबर को हुए बवाल के बाद से बाबे सैयद पर छात्र-छात्राएं धरना दे रहे हैं। हर रोज कोई न कोई आयोजन कर रहे हैं। शनिवार दोपहर बाद छात्रों ने कैंपस में बैलून मार्च निकालकर विरोध जताया। बाबे सैयद पर कुलपति व रजिस्ट्रार विरोधी नारे लगाए। कुलपति व रजिस्ट्रार के पुतलों को हवा में लहराया। देखते ही देखते आग के हवाले कर दिया। पुतले जैसे ही जलकर जमीन पर गिरने लगे, सैकड़ों की संख्या में मौजूद छात्रों ने जूतों से पीटना शुरू कर दिया। प्रॉक्टोरियल टीम, शिक्षकों के साथ जो भी मौजूद था, हैरान रह गया। यह पहला मौका था, जब सर सैयद के चमन में कुलपति का पुतला किया गया। छात्रों के इस कदम ने सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

कक्षाओं का किया बहिष्कार

साइंस डिपार्टमेंट के छात्र-छात्राओं ने कक्षाओं का बहिष्कार कर कैंपस में मार्च निकाला। मौलाना आजाद लाइब्रेरी से मार्च निकालते हुए छात्र-छात्राएं बाबे सैयद पहुंचे। जहां कुलपति व रजिस्ट्रार के इस्तीफे के नारे भी लगाए।

पहले नहीं फुंका कुलपति का पुतला

एएमयू के प्रवक्ता प्रो.शाफे किदवई का कहना है कि 35 साल से अधिक समय से मैं एएमयू से जुड़ा हुआ हूं। विरोध प्रदर्शन तो बहुत हुए, लेकिन कुलपति का पुतला छात्रों ने कभी नहीं फूंका। इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।

पहले पुलिस से वीसी ने नहीं पिटवाया

छात्रनेता फैजुल हसन का कहना है कि सही बात है, कभी कुलपति का पुतला दहन नहीं किया गया लेकिन किसी कुलपति ने छात्रों को कभी पुलिस से पिटवाया भी नहीं। 15 दिसंबर को कुलपति छात्रों के बीच आते, उनका दर्द समझते तो शायद ये नौबत आज नहीं आती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.