Online Education: नौनिहालों की अटक गई पढ़ाई, मांगी रिपोर्ट Aligarh News
कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बिल्कुल अटक सी गई है। लॉकडाउन के समय में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के पास इंटरनेट व मोबाइल-कंप्यूटर की उपलब्धता न होने के चलते 30 फीसद ही आनलाइन शिक्षा से जुड़ पाए थे।
By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 06:46 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 06:46 AM (IST)
अलीगढ़, जेएनएन। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बिल्कुल अटक सी गई है। लॉकडाउन के समय में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के पास इंटरनेट व मोबाइल-कंप्यूटर की उपलब्धता न होने के चलते पहले ही 20 से 30 फीसद ही आनलाइन शिक्षा से जुड़ पाए थे। मगर लॉकडाउन खत्म होने के बाद शिक्षकों ने उन थोड़े विद्यार्थियों को भी आनलाइन पढ़ाई कराना बंद कर दिया है। कुछ ब्लॉक से अफसरों को इस संबंध में शिकायतें भी मिली हैं। जिस पर बीएसए स्तर से सभी खंड शिक्षाधिकारियों (बीईओ) व प्रधानाध्यापकों से आनलाइन शिक्षा के संबंध में जानकारी मांगी गई है। इसके बाद से प्रधानाध्यापकों व खंड शिक्षाधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
बच्चों की आनलाइन शिक्षा अधर में
जिले में 1766 प्राइमरी व 733 जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें करीब 2.48 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन लगा तो सभी को आनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने की कवायद शुरू की गई। मगर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, व कई परिवार आधुनिकता व संसाधनों के मामले में ज्यादा संपन्न नहीं हैं। इसलिए बच्चों की आनलाइन शिक्षा अधर में पड़ गई थी। करीब ढाई लाख की संख्या में से करीब 30 फीसद छात्र-छात्राएं ही आनलाइन शिक्षा से जुड़ सके थे। लॉकडाउन खत्म होने और नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खुलने के बाद नौनिहलों की आनलाइन पढ़ाई लगभग ठकर सी गई है।
कुछ ब्लॉक से आई शिकायतें
कुछ ब्लॉक से ग्रामीणों व प्रधान की ओर से बीएसए दफ्तर पर शिकायतें आई हैं कि प्रधानाध्यापक व शिक्षक-शिक्षिकाएं बच्चों को आनलाइन पढ़ाई नहीं करा रहे हैं। इस पर अफसरों की ओर से आनलाइन पढ़ाई के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है।
शिक्षकों ने भी रखा पक्ष
विभागीय सूत्रों की मानें तो शिक्षकों ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि लॉकडाउन में उनको स्कूल नहीं बुलाया जा रहा था। मगर अब कायाकल्प योजना व अन्य कार्यों के लिए स्कूल बुलाया जा रहा है। ऐसे में आनलाइन पढ़ाई कराने का समय नहीं मिलता। अगर आनलाइन पढ़ाई करानी है तो स्कूल बंद रहने तक शिक्षकों को न बुलाने पर विचार करना चाहिए।
ब्लॉकवार मंगाई रिपोर्ट
बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि, कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों में काम कराना भी जरूरी है। मगर बच्चों की आनलाइन पढ़ाई भी नहीं रुकनी चाहिए। सभी खंड शिक्षाधिकारियों से ब्लॉकवार रिपोर्ट मांगी गई है। किस ब्लॉक में कितने शिक्षक-शिक्षिकाएं स्कूल आ रहे हैं? और कितनों को स्कूल के कार्य से अलग रखकर आनलाइन शिक्षण में लगाना है? इस संबंध में सूची तैयार होते ही छात्र-छात्राओं की आनलाइन पढ़ाई विधिवत व नियमित कराई जाएगी।
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