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युवाओं के भविष्य को खोखला कर रही शराब बंद हो, तहसील मुख्‍यालय पर भूख हड़ताल Aligarh news

अलीगढ़ जेएनएन । इगलास तहसील मुख्यालय पर प्रदेश में शराब बंद करने की मांग को लेकर चल रही भूख हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रहा। छात्र नेता व युवाओं द्वारा धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 03:10 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 03:17 PM (IST)
युवाओं के भविष्य को खोखला कर रही शराब बंद हो, तहसील मुख्‍यालय पर भूख हड़ताल Aligarh news
इगलास तहसील मुख्यालय पर शराब बंद करने की मांग को लेकर चल रही भूख हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रहा।

अलीगढ़, जेएनएन । इगलास तहसील मुख्यालय पर प्रदेश में शराब बंद करने की मांग को लेकर चल रही भूख हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रहा। छात्र नेता व युवाओं द्वारा धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया गया।

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तहसील मुख्‍यालय पर भूख हड़ताल शुरू

गांव कजरौठ निवासी विश्वजीत सिंह उर्फ केके द्वारा तहसील मुख्यालय पर धरना देते हुए भूख हड़ताल शुरु की गई है। उनकी मांग है कि पूरे प्रदेश में शराब पर प्रतिबंध लगना चाहिए। गुरुवार को छात्र नेता आदेश चौधरी युवाओं के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि शराब युवाओं के भविष्य को खोखला कर रही है। जिस परिवार में एक शराबी हो जाए वह पूरे परिवार की बर्बादी के लिए काफी है। नशा महिला उत्पीडऩ को बढ़ावा देता है और हिंसा की की ओर लेकर जाता है। इस दौरान शराब बंदी को लेकर नारेबाजी की गई। इस मौके पर नितिन अग्रवाल, धर्मेंद्र चौधरी, बिजेंद्र सिंह, किशन सिंह, विकास चौधरी, विशाल चौधरी आदि लोग उपस्थित थे। भूख हड़ताल पर बैठे विश्वविजय सिंह से तीसरे दिन एसडीएम कुलदेव सिंह व सीओ मोहसीन खान ने वार्ता की।

अधिकारियों ने खड़े किए हाथ

विश्वविजय सिंह ने बताया कि अधिकारियों ने स्पष्ट रुप से कहा कि शराब बंदी उनके स्तर से नहीं हो सकती। हमने मुख्यमंत्री से वार्ता कराने की बात रखी है। जब तक कोई निष्कर्स नहीं निकलता भूख हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब से घर टूट रहे हैं। जितना राजस्व सरकार को शराब से मिलता है उससे ज्यादा शराब से होनी वाली परेशानियों के चलते खर्च करना पड़ता है। शराब पीने से झगड़े होते हैं, घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। लोगों का इसमें सयम व पैसा दोनों खर्च होते हैं। तीसरे दिन चल रही भूख हड़ताल के बाद भी चिकित्सकों द्वारा उनकी जांच नहीं कराई गई है।


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