लाठीचार्ज व मुकदमे दर्ज होने पर मिली है अलीगढ़ में विश्वविद्यालय की सौगात
विश्वविद्यालय के लिए छात्रों ने किया था लंबा संघर्ष अनशन व धरना-प्रदर्शन कर पुलिस से भी जूझे थे छात्र।
जासं, अलीगढ़ : राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की भव्यता अभी से लोगों की आखों में दिखाई देने लगी है। क्योंकि इसकी नींव स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रखने आ रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि इमारत ऐसी बननी चाहिए कि जिसकी भव्यता देखते ही बने। जैसा राजा का कद था, वैसे ही विश्वविद्यालय की इमारत होनी चाहिए। विवि की माग के लिए छात्रों पर लाठिया चटकीं हैं, मुकदमे दर्ज हुए हैं, इसी जोश-जज्बे ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की नींव की पटकथा लिख दी।
विश्वविद्यालय के लिए संघर्ष में शामिल रहे एमएलसी डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 1977 में अलग विवि की माग की शुरुआत हुई। 2004-05 में इस लड़ाई को डीएस कालेज के अध्यक्ष रहे सुमंत किशोर और सचिव रहे कमल प्रताप सिंह ने तेज किया।
.....
2005 में विवि की माग की आवाज को बुलंद किया। विद्याíथयों का आगरा विवि से भविष्य जब चौपट होता था तो आखें भर आती थीं। अब 14 सितंबर को नया अध्याय लिखा जाएगा।
कमल प्रताप सिंह, पूर्व सचिव, छात्र संघ
राज्य विश्वविद्यालय की यह लड़ाई मानो आजादी की लड़ाई रही हो। हम कालेज से लेकर सड़क तक संघर्ष करते थे, लाठिया खूब चटकती थीं, मगर हौसला कभी कम नहीं हुआ। राज्य विवि की स्थापना से मन प्रसन्न है।
अर्जुन सिंह भोलू, पूर्व छात्र नेता बसपा सरकार में संघर्ष किया। सपा सरकार में भी आवाज बुलंद की, मगर छात्रों की आवाज दबा दी गई। आदोलन के समय 17 मुकदमे दर्ज हुए। सासद सतीश गौतम ने उस समय मदद की। इसके बाद सीएम ने विवि की घोषणा करके नई जिंदगी दे दी।
अमित गोस्वामी, पूर्व छात्र नेता विवि की माग को लेकर जेल तक जाना पड़ा। तमाम बार लाठिया खाई। अंत में सीएम योगी आदित्यनाथ ने विवि की घोषणा करके सभी घावों पर मरहम लगा दिया।
आदित्य पंडित, पूर्व छात्र नेता विवि के लिए लगातार नौ वर्ष संघर्ष किया। तमाम छात्रों ने साथ दिया। राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से विवि की सौगात मिली तो दिल गद्गद् हो गया। 14 सितंबर स्वíणम पल है।
सौरभ चौधरी, पूर्व छात्र नेता विवि के आदोलन में छह मुकदमे मेरे खिलाफ दर्ज हुए। हस्ताक्षर अभियान चलाया, धरना-प्रदर्शन किया। मगर, प्रसन्नता है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से राज्य विवि मिल गया।
जियाउर्रहमान, पूर्व छात्र नेता