पंचायत अध्यक्ष के लिए सपा-रालोद गठजोड़ भाजपा को देगा चुनौती Aligarh news
जिला पंचायत सदस्य के नतीजों के बाद सपा रालोद जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा करने के लिए ताना बाना बुन रहे हैं। इन दोनों सियासीदलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत का दौर शुरू हो गया है।
अलीगढ़, जेएनएन । जिला पंचायत सदस्य के नतीजों के बाद सपा रालोद जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा करने के लिए ताना बाना बुन रहे हैं। इन दोनों सियासीदलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत का दौर शुरू हो गया है। प्रमाण पत्र लेने पहुंचे रालोद के पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी रामबहादुर सिंह व सपा जिलाध्यक्ष गिरीश यादव के बीच पहले दौर की बात भी हुई। दोनों का लक्ष्य भाजपा के अध्यक्ष पर कब्जा रोकने के लिए ठोस रणनीति को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
रालोद के सात प्रत्याशी बनने जिला पंचायत सदस्य
रालोद के सात प्रत्याशियों ने जिला पंचायत सदस्य पर कब्जा किया है। साथ ही रालोद के चार बागी भी जीते हैं। यह भी रालोद के प्रति अभी भी अपनी आस्था बनाए हुए है। इनमें से एक विधानसभा प्रत्यशी रहचुकी सुलेखा चौधरी भी हैं। जिले के कुल 47 वार्ड हैं। अगर सत्ताधारी पार्टी बनाम विपक्षी चुनाव होता है तो आमने सामने की टक्कर में 24 सदस्य पाने वाले प्रत्याशी विजेता घोषित होंगे।
भाजपा के मात्र आठ प्रत्याशी जीते
रालोद व सपा मिलकर इस चुनाव को लड़ती है, तो भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। भाजपा के मात्र आठ प्रत्याशी ही जीते हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों के हाथ जीत की चाबी है। इनमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर चौधरी भले ही चुनाव हार गए हों, मगर उनकी पत्नी इस चुनाव को जीती है। सामान्य महिला के लिए आरक्षित अध्यक्ष पद के लिए यह चुनौती दे सकते हैं। इस स्थिति में सुधीर चौधरी सपा, रालोद व बसपा के सदस्य भी अपने पाले में ले सकते हैं।
इनका कहना है
रालोद के सात सदस्य विजयी हुए हैं। हमारे दल के चार बागी भी हमारे संपर्क में हैं। सपा से हमारी बात चल रही हैं। हमारे तीन विजेता सदस्य अध्यक्ष की दावेदारी की कतार में हैं। हम मजबूत स्थति में हैं। अंतिम फैसला हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी लेंगे।
- रामबहादुर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष रालोद
अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। निर्दलीय हमारे संपर्क में हैं। हमारे छह प्रत्याशी विजयी हुए हैं। इनमें से कई अध्यक्ष के दावेदार भी हैं। हम भाजपा को हराने के लिए किसी भी प्रकार का दांव लगा सकते हैं। आखिरी फैसला शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा।
- रतन दीप सिंह, जिलाध्यक्ष, बसपा