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इसरो में चमकी अलीगढ़ की बेटी सोनाली, चंद्रयान टू की टीम में है शामिल Aligarh News

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) अहमदाबाद में अलीगढ़ की बेटी सोनाली इन दिनों छायी हुई है।अभी चंद्रयान टू की टेस्टिंग व डेवलेपमेंट में अपनी सहभागिता निभाई।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 03:50 PM (IST)
इसरो में चमकी अलीगढ़ की बेटी सोनाली, चंद्रयान टू की टीम में है शामिल Aligarh News
इसरो में चमकी अलीगढ़ की बेटी सोनाली, चंद्रयान टू की टीम में है शामिल Aligarh News

अलीगढ़ (मनोज जादौन)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) अहमदाबाद में अलीगढ़ की बेटी सोनाली इन दिनों छायी हुई है। सामान्य कारोबारी मनीष जैन की संतान के रूप में दो बेटियों में सोनाली बड़ी हैं। यह वैज्ञानिक पद पर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद स्थित टेस्टिंग लैब में इंजीनियर हैं। रडार इमेंजिंग सेटेलाइट टू बी पेलोड जो 22 मई को लांच हुआ था। अभी चंद्रयान टू की टेस्टिंग व डेवलेपमेंट में अपनी सहभागिता निभाई।

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शुरू से रहीं अव्वल
खिरनीगेट निवासी मनीष जैन की पत्थर बाजार में दुकान है। बड़ी बेटी सोनाली जैन नर्सरी से 10 तक डीएस बाल मंदिर में पढ़ी हैं। ये हमेशा टॉपर ही रहीं। सेल्फ स्टडी से ही इन्होंने अपार सफलता अर्जित की हैं। एएमयू में बीटेक किया। ट्रेड चुना इलेक्ट्रोनिक। यहां भी अव्वल रहीं। कंप्यूटर सिस्टम व सॉफ्टवेयर तैयार करने वाली टीसीएस कंपनी में बतौर इंजीनियर गुडग़ांव में तैनाती मिली। सोनाली नौकरी के साथ और सुनहरे भविष्य का तानाबाना बुनती रहीं।

संघर्ष व चुनौतियों को पार कर पाया मुकाम
सोनाली के लिए हमेशा मां सपना जैन प्रेरणास्रोत रहीं। 27 साल की सोनाली की छोटी बहन निताली जैन नौ साल छोटी हैं। इसके चलते सोनाली ने प्रारंभिक अध्ययन अकेले ही किया। आगरा रोड खिरनीगेट पर छोटा सा मकान है। एकाग्रता के लिए सोनाली छत पर जाकर अकेली पढ़ती थीं।

अवकाश में करती थीं कोचिंग
सोनाली ने टीसीएस में बतौर इंजीनियर जब नौकरी शुरू की तो अपने प्रदर्शन को और बुलंदियों पर पहुंचाने की ठानी। ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इंजीनियङ्क्षरग (गेट) की तैयारी के लिए अवकाश वाले दिन शनिवार व रविवार दो दिन गुडग़ांव से दिल्ली कोचिंग के लिए जाती। नतीजन सफलता मिली।

कानपुर आइआइटी से किया एमटेक
आइआइटी कॉलेज में प्रवेश के लिए रूड़की, कानपुर व दिल्ली में आवेदन किया। टेस्ट में सफलता हासिल की। कानपुर व दिल्ली में साक्षात्कार दिया। दोनों जगह चयन हुआ। कानपुर आइआइटी से एमटेक में प्रवेश लिया। एक साल की परीक्षा पास ही की थी, कि वर्ष 2016 में इसरो में चयन हो गया। अनुमति के बाद इस साल एमटेक की पढ़ाई पूरी की। सोनाली मिसालमैन अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं। सोनाली के पिता मनीष जैन का कहना है कि सोनाली पढ़ाई में शुरू से टॉपर रही, मगर वह हमेशा और भी दमदार प्रदर्शन के लिए प्रयास करती। हाईस्कूल तक वह सेल्फ स्टडी करती रही।


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