परदेस में उड़ा रहे सामाजिक सुरक्षा का फंड!
औद्योगिक सामाजिक सुरक्षा (सीआरएस) निधि में बड़े धपले की आशंका जताई जा रही है। इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।
फोटो-- भी
-----जागरण विशेष---- जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : औद्योगिक सामाजिक सुरक्षा (सीएसआर) निधि में बड़े घपले की आशंका जताई जा रही है। भाजपा के बरौली विधायक ठा. दलवीर सिंह ने सीएसआर का करोड़ों रुपये विदेश में खर्च करने की डीएम से शिकायत की है। डीएम ने प्रकरण को गंभीर मानते हुए एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में जांच कमेटी भी गठित कर दी है।
दो फीसद का नियम : कंपनी एक्ट के तहत सभी प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को सीएसआर के रूप में मुनाफे का न्यूनतम दो फीसद हिस्सा सामाजिक विकास से जुड़े कार्यो में खर्च करना होता है। इसके जरिये सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, नैतिक और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के कदम उठाए जाते हैं। इससे वहां की संरचना, पर्यावरण व सांस्कृतिक विषयों को बढ़ाने में मदद मिलती है।
कंपनियां करती हैं खेल : जिले में 500 से अधिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां संचालित हैं। इन्हें सीएसआर फंड देना चाहिए, लेकिन कुछ लोग जुगाड़ से खुद को इससे बाहर कर लेते हैं। कुछ कंपनियां निजी कार्यक्रमों का खर्च भी इसी में दिखा देती हैं। चर्चा यह भी है कि निगरानी न होने के कारण कुछ कंपनियां विदेश में भी पैसा खर्च कर आईं।
20 करोड़ तक संभव है आय : अलीगढ़ की पहचान एक उद्योग नगरी के रूप में है। ऐसे में यहां सीएसआर फंड हर साल 20 करोड़ रुपये तक हो सकता है। पर, कुछ को छोड़ दें तो अधिकांश कंपनियां अपना हिस्सा नहीं दे रही हैं।
.........
मीट फैक्ट्रियों के साथ अन्य कई ऐसी कंपनियां हैं, जो सीएसआर फंड जमा नहीं कर रही है। कई तो विदेशों में सीएसआर फंड लगा रही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।
दलवीर सिंह, बरौली विधायक एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है। कमेटी सभी तथ्यों की जांच करेगी। सीएसआर फंड का इस्तेमाल हर हाल में सीधे जनता से जुड़े कार्यो के लिए ही कराएंगे।
चंद्रभूषण सिंह, डीएम