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अलीगढ़ में बदहाल गलियों में सिसकती जिंदगियां, जानिए विस्‍तार से

शहर की आबादी बढ़ी संसाधन बढ़े अब दायरा भी बढ़ गया है। लेकिन सुविधाएं न बढ़ सकीं। ये वो सुविधाएं हैं जिन्हें उपलब्ध कराने में जिम्मेदार महकमे हमेशा ही पीछे रहे। सड़क सफाई पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में ज्यादा कुछ नहीं करना।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 09:50 AM (IST)
अलीगढ़ में बदहाल गलियों में सिसकती जिंदगियां, जानिए विस्‍तार से
कई इलाकों की बदहाल गलियों में अब भी जिंदगियां सिसक रही हैं। ऐसा ही एक इलाका शाहजमाल है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर की आबादी बढ़ी, संसाधन बढ़े, अब दायरा भी बढ़ गया है। लेकिन, सुविधाएं न बढ़ सकीं। ये वो सुविधाएं हैं, जिन्हें उपलब्ध कराने में जिम्मेदार महकमे हमेशा ही पीछे रहे। सड़क, सफाई, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में ज्यादा कुछ नहीं करना। सिर्फ जो व्यवस्थाएं बनाई गई हैं, उन्हें प्रभावी करना है। विभागीय अधिकारी ये तक न कर सके। कई इलाकों की बदहाल गलियों में अब भी जिंदगियां सिसक रही हैं। ऐसा ही एक इलाका शाहजमाल है, जहां बदहाल सड़कें और बेपटरी हुई सफाई व्यवस्था ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।

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यह हैं हालात

नगर निगम के 80 वार्डों में 67 सबसे बड़ा वार्ड है। यहां आबादी करीब 80 हजार है और 17 हजार वोटर। शाहजमाल, जलालपुर, महफूज नगर समेत अन्य माेहल्लों के अलावा ईदगाह भी इसी वार्ड में है। सड़क, सफाई का मुद्दा यहां वर्षों से उठ रहा है। जलभराव के लिए यहां बारिश का इंतजार नहीं करना पड़ता। कोई नाला भी चोक हो जाए तो गलियाें में पानी भरने लगता है। मोहल्ला बरी के नीचे में हालात और बुरे हैं। सड़कें उखड़ी पड़ी हैं, जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। कर्मचारी इतने नहीं हैं कि पूरे वार्ड की सफाई कर सकें। कुछ तो गैरहाजिर रहते हैं। पार्षद पति जग्गी हारुन बताते हैं कि चार साल पहले वार्ड में 19 सफाई कर्मचारी नियुक्त थे, अब 15 ही बचे हैं। खैर रोड का नाला ओवरफ्लो होने से मोहल्लों में अक्सर पानी भर जाता है। जिले का सबसे बड़ा वार्ड होने के बाद भी नगर निगम द्वारा कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई। अर्थी और जनाजे लेकर लोग इन्हीं बदहाल गलियों से निकलते हैं। सरकारी जमीनों पर कब्जे हाे गए। ट्यूबवेल लगाने के लिए भी जगह नहीं मिल रही थी। तब कब्रिस्तान में ट्यूबवेल लगाया गया।

शाहजमाल में बहुत बुरे हालात हो गए हैं। गलियों में पानी भरा रहता है। सड़कें बन नहीं रहीं। नालियां ढह गई हैं। नगर निगम अधिकारियों को देखना चाहिए।

जान मोहम्मद, शाहजमाल

सड़कें न बनने से काफी परेशानी हो रही है। गड्ढे इतने हैं कि आसानी से वाहन नहीं निकल सकता। नगर निगम अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।

अब्दुल कदीर, शाहजमाल

नगर निगम अधिकारियों को यहां के हालात देखने चाहिए। कई बार शिकायतें हो चुकी हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

मोईनुद्दीन सचिव, शाहजमाल कब्रिस्तान वक्फ

बोर्ड बैठक में सड़कों का मुद्दा उठाया गया था। 500 मीटर की एक सड़क का प्रस्ताव पास हो चुका है। गली नंबर 21 में सड़क बनाने का पूर्व में टेंडर हुआ था, जो रद हो गया। प्रयास किए जा रहे हैं।

हारुन जग्गी, पार्षद पति वार्ड 67


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