Smart City: अलीगढ़ में अधूरे विकास कार्य बन रहे शहरवासियों के लिए मुसीबत, जानिए विस्तार से
अलीगढ़़ शहर में अधूूूरे विकास लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। स्मार्ट सिटी के तहत शहर को संवारने खाका तो खींच लिया लेकिन तीन साल में कोई प्रोजेक्ट पूरा न हो सका। जो काम शुरू कराए गए वे अधूरे पड़े हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़़ शहर में अधूूूरे विकास लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। स्मार्ट सिटी के तहत शहर को संवारने खाका तो खींच लिया, लेकिन तीन साल में कोई प्रोजेक्ट पूरा न हो सका। जो काम शुरू कराए गए, वे अधूरे पड़े हैं। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। ऐसे में लोग अच्छा फीडबैक कैसे दें? ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने की योजना का कहीं पता ही नहीं। एसटीपी प्लांट का काम भी कछुआ गति से चल रहा है। मिनी एमआरएफ सेंटरों का उचित उपयोग नहीं हो पा रहा। अमृत योजना पर भी अनियोजित तरीके से काम शुरू हुआ, जो पूरा न हो सका। आइसीसीसी की बिल्डिंग तैयार होने में अभी वक्त है। ओवरहेड टैंक और भूमिगत क्लोडिंग वाटर टैंक के निर्माण कार्य शुरू हुए, जिसके जरिए घर-घर शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना है। लेकिन, ये योजना भी अधूरी पड़ी है।
शहर पर एक नजर में
- 2017 में हुआ था शहर का विस्तार
- 42 से बढ़कर 63 लाख वर्गमीटर हुआ क्षेत्रफल
- 13 लाख है कुल आबादी
- 12,0000 भवन हैं शहर में
- 10,4000 आवासीय भवन हैं
- 16,000 अनावासीय भवन हैं
सफाई व्यवस्था
- 2316 कर्मचारी सफाई व्यवस्था में लगे
- 150 से अधिक सफाई कार्य में लगे वाहन
- 40 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सफाई, ईंधन, वेतन का खर्चा
- 450 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन शहर से उठता है
- 815 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से डलावघरों से एटूजेड को कूड़ा उठाने का भुगतान
धीमी गति से विकास कार्य
- 25 करोड़ का अचल ताल प्रोजेक्ट
- 13 मंजिला स्काई टावर आगरा रोड
- 45 एलएमडी का इगलास रोड पर एसटीपी प्लांट
- 62.35 लाख रुपये से विक्रम कालोनी में माडल पार्क
- 380 लाख रुपये से चौराहों का सौंदर्यीकरण
- 131.69 किमी सीवर लाइन में 24 किमी डाली गई
- 55 करोड़ रुपये की आइसीसीसी बिल्डिंग
अधूरे प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट, लागत (करोड़ में), अवधि
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, 220.54, दो साल
वाटर सप्लाई, 42.80, दो साल
वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, 75, 18 माह
स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, 139.55, 18 माह
स्मार्ट रोड (सिविल वर्क), 10.20, एक साल
स्मार्ट रोड (इलेक्ट्रीकल वर्क), 6.69, एक साल
रेन वाटर हार्वेस्टिंग, 0.68, तीन माह
मैं भी स्वच्छता का पहरी
शहर को स्वच्छ रखना सरकार की ही नहीं हर शहरी की नैतिक जिम्मेदारी है। सड़कें साफ रहें, इसके लिए चिंतन करना होगा। मैं संकल्प लेता हूं स्वच्छता की मुहिम में पूरा सहयोग करुंगा। दूसरों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करता रहुंगा।
डा. ऋषभ देव शर्मा, प्रीमियर नगर
हमारी गली में एटूजेड कंपनी के वाहन घरों से कूड़ा उठाने नहीं आते। मजबूरी में प्रावइेट सफाई कर्मचारी लगाए हैं।
मुकेश वर्मा, कृष्णा विहार
घरों से कूड़ा उठाने की व्यवस्था लड़खड़ा रही है। हमारी कालोनी में प्राइवेट कर्मचारी ही घरों से कूड़ा उठाते हैं।कुलदीप चौहान, राम विहार
सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। पला रोड पर दोपहर तक कूड़ा डाला जाता है। राहगीरों को काफी परेशानी होती है।
आशीष अग्रवाल, एडीए कालोनी
घरों से कूड़ा उठाने की व्यवस्था काे प्रभावी किया जा रहा है। 10 वार्डों में दो-दो आटो टिपर वाहन लगाए गए हैं। बाकी वार्डों में भी वाहनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। स्मार्ट सिटी के सहयोग से नगर निगम इस व्यवस्था को बेहतर बनाएगा।
गौरांग राठी, नगर आयुक्त