स्मॉल स्ट्रॉन्स : नफा -नुकसान पर नहीं ध्यान, ग्र्राहकों को दिया साथ Aligarh news
वक्त कैसा भी हो व्यवहार नहीं बदल चाहिए। कोरोना काल में इस सिद्धांत को मानने वाले ग्र्राहकों के लिए खास हो गए हैं। उनसे व्यापारिक रिश्तों की डोर पहले से अधिक मजबूत हुई इन्हीं में शामिल देव मोटर्स ने कई प्रयोग कर कारोबार को रफ्तार देने में कामयाबी हासिल की।
अलीगढ़, जेएनएन : वक्त कैसा भी हो, व्यवहार नहीं बदल चाहिए। कोरोना काल में इस सिद्धांत को मानने वाले ग्र्राहकों के लिए खास हो गए हैं। उनसे व्यापारिक रिश्तों की डोर पहले से अधिक मजबूत हुई है। इन्हीं में शामिल देव मोटर्स ने कई प्रयोग कर कारोबार को रफ्तार देने में कामयाबी हासिल की।
सब कुछ ऑनलाइन
यह ऐसा वक्त था जब लोग आने -जाने से परहेज कर रहे थे। अप्रैल की शुरुआत में ही ग्रीष्म नवरात्र थे। शादियां भी थीं। मारुति सुजुकी एरीना के इस शोरूम पर नवरात्र पर डिलेवरी के लिए 150 कार बुक थीं। जनता कफ्र्यू के बाद देश लॉकडाउन एलान हुआ। सभी वाणिज्यक गतिविधियां थम गईं। लोगों की ङ्क्षजदगी की रफ्तार के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर ताले पड़ गए। जब दूसरे लॉकडाउन के लिए सख्त गाइड लाइन जारी हुई तो लोगों को आर्थिक संकट भी होने लगा। तमाम शादियां टाल दी गईं। कार लेने का विचार छोड़ दिया। 75 कारों के ऑर्डर कैंसल हुए। शोरूम प्रबंधन ने नफा-नुकसान के बारे में नहीं सोचा और एडवांस वापस कर बुकिंग कैंसिल कीं। वह भी ऑन लाइन।
सोशल मीडिया का लिया सहारा
जीटी रोड बन्नादेवी क्षेत्र स्थित देव मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड मारुति, सुजकी, एरीना मारुति कार के अधिकृत डीलर हैं। इस कंपनी की हर रेंज के कारें यहां उपलब्ध हैं। 17 मई को ऑटो सेक्टर को अनलॉक के लिए गाइड लाइन जारी हुईं। शोरूम व वर्कशॉप में तीन दिन साफ सफाई व सैनिटाइजर किया गया। सेवाओं के लिए शोरूम व वर्क शॉप खोल दिए गए। सामान्य वर्ग के आवागमन पर प्रशासन का सख्त पहरा था। ऐसे में देव मोटर्स के डायरेक्टर सुमित अग्रवाल ने शोरूम प्रबंधन को कस्टूमर का डाटा निकलवाकर वाट््सएप, इंस्ट्राग्राम, फेसबुक व अन्य सोशाल माध्यम से सेवाओं के लिए चार हेल्पलाइन नंबर जारी किए। इसके सार्थक परिणाम आने लगे। नई कार की खरीद से ज्यादा कार सर्विस, कार बीमा की कॉल आने लगीं। ऑन लाइन बीमा के लिए एक टीम गठित की। इनमें बहुत से बीमा तो पारंपरिक ग्राहकों के साख पर ही कर दिए गए। सर्विस मोबाइल बैन को घर-घर भेज कर गाडिय़ों की सर्विस कराई। यह बैन एक दिन में 10 कार की सर्विस हर रोज करने लगी। इसकी सबसे ज्यादा बुङ्क्षकग आने लगी। ट्रेन व बस सेवाएं बंद व सुरक्षित सफर के लिए लोगों ने जून तक 200 कारें नई खरीदीं। इनके लिए बीमा से लेकर फाइनेंस के लिए 18 बैंकों के प्रतिनिधि शोरूम पर मौजूद रहे। किसी ग्राहक को बैंक जाने की जरूरत नहीं थीं। सभी इन्क्वारी ऑन लाइन ही की गई।
इनका कहना है
देव मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक देव प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि जिंदगी में नफा-नुकसान लगा रहता है। कोरोना संकट में आवागमन के निजी संसाधन ही काम में आए हैं। 22 साल से पारंपरिक ग्राहकों के विश्वास पर खरा उतरना था। उसमें हम सफल रहे।
देव मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुमित अग्रवाल ने बताया कि जब लॉकडाउन घोषित किया गया था, तब अप्रैल माह में नवरात्र में 150 कार डिलीवरी के लिए बुक की गईं थीं। लॉकडाउन के बाद ग्राहकों ने अपनी बुङ्क्षकग कैंसिल कराईं। ग्राहकों को पैसा ऑन लाइन ट्रांसफर किया।
कोरोना संकट में बरदान साबित हुई हेल्प डेस्क
कोरोना काल में हेल्प डेस्क ग्राहकों के लिए बरदान साबित हो रही हैं। लॉकडाउन सख्ती के दौरान देव मोटर्स पर 800 से 1000 इन्क्वारी कॉल आती थीं। सर्विस के लिए इनकी संख्या 400 तक पहुंची।
अल्प समय में बाजार में छा गया देव मोटर्स
देव मोटर्स की अप्रैल 1998 में जीटी रोड बन्नादेवी पर स्थापना हुई थी। खैर के मूल निवासी देव प्रकाश अग्रवाल व अनिल अग्रवाल ने शहर को पहला आधुनिक शोरूम व वर्कशॉप की सौगात दी। इस शोरूम से अब तक 25 हजार कार बेची जा चुकी हैं। ढाई लाख से अधिक कारों की सर्विस की है। देव प्रकाश व अनिल अग्रवाल के पिता मदन लाल अग्रवाल का खैर में कपड़े का शोरूम है। इसी कस्बा में 1968 में पहला पेट्रोल पंप खोला। अल्प समय में देव मोटर्स बाजार में छा गया।
------
22 साल से देव मोटर्स की सेवाएं ले रहा हूं। कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। ग्राहक नहीं अब तो परिवार की तरह रिश्ते हैं।
दीपक अग्रवाल, ग्राहक व निदेशक गुरुकुल पब्लिक स्कूल खैर
लॉकडाउन के समय में हमें शोरूम से काफी मदद मिली। यहां बेहतर सेवाएं व खास तौर पर वर्कशॉप या कारों के बीमा व अन्य सुविधाएं बेहतर रहीं। कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ी।
- फारुख, ग्राहक