Move to Jagran APP

राशन आवंटन में पारदर्शिता के लिए अलीगढ़ जिले में में लागू होगी सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था Aligarh news

राशन आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिले में ङ्क्षसगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था अप्रैल से शुरू हो जाएगी। इसके तहत एफसीआइ के गोदामों से सीधे राशन की दुकानों पर राशन पहुंचेगा। अब तक सीएफसी के माध्यम से राशन पहुंचता है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 05:32 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 07:15 AM (IST)
राशन आवंटन में पारदर्शिता के लिए अलीगढ़ जिले में में लागू होगी सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था Aligarh news
राशन आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिले में सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था अप्रैल से शुरू हो जाएगी।

अलीगढ़, जेएनएन : राशन आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिले में सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था अप्रैल से शुरू हो जाएगी। इसके तहत एफसीआइ के गोदामों से सीधे राशन की दुकानों पर राशन पहुंचेगा। अब तक सीएफसी के माध्यम से राशन पहुंचता है। घटतौली व फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।

loksabha election banner

जिले में कुल 1300 राशन की दुकानें 

जिले में कुल 1300 राशन की दुकानें हैं। इनसे करीब साढ़े छह लाख कार्ड धारक जुड़े हैं। इन दुकानों पर एसएफसी के गोदामों से राशन पहुंचता है। हर ब्लाक पर एसएफसी का गोदाम है। इसमें घटतौली की शिकायतें मिलती हैं। शासन स्तर से खैर ब्लाक में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी की शुरुआत हुई थी। इसके तहत सीधे राशन की दुकानों पर खाद्यान पहुुंचाया गया। इसमें तमाम अड़चनें भी आईं। विभागीय अफसरों ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी। उनमें सुधार के साथ पूरे जिले में इसकी शुरुआत करने का फैसला लिया गया है।

एक अप्रैल से शुुरुआत

जिले में इस नई व्यवस्था की शुरुआत एक अप्रैल से हो रही है। इसके तहत एफसीआइ के गोदामों से सीधे डीलर की दुकान पर राशन पहुंचेगा। नई व्यवस्था के लिए सभी ब्लाकों का एक साथ पूरा रूट चार्ट तैयार किया गया है। अगर किसी डीलर के द्वार तक ट्रक या अन्य वाहन नहीं जा पा रहा है तो वहां से छोटे वाहनों के माध्यम से भी राशन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

इस तरह होता है खेल

आंकड़ों के मुताबिक जिले में हर महीने 12752 मीट्रिक टन राशन आता है। इसमें 7650 टन गेहूं व 5102 टन चावल शामिल हैं। 50 किलो के बोरे होते हैं। 2.50 लाख से अधिक बोरे हर महीने बनते हैं। इन बोरों का अलग से वजन होना चाहिए, लेकिन ब्लाक के गोदाम प्रभारी बिना वजन किए ही राशन देते हैं। बोरे का वजन करीब 500 से 600 ग्राम होता है। एक महीने के उठान में ही 1500 कुंतल राशन का गोलमाल होता है। बाजार में इसकी कीमत 30 लाख रुपये से ऊपर बैठती है। खाद्यान्न के नुकसान पर विभाग ने विभागीय कर्मचारियों या कोटेदारों से बाजार भाव पर वसूली के लिए गेहूं का 21.86 रुपये और चावल का 29.96 रुपये प्रतिकिलो का भाव तय कर रखा है। इसी के चलते डीलर पिछले काफी समय से इस व्यवस्था को बंद करने की मांग कर रहे थे।

इनका कहना है

शासन स्तर से सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था शुरू करने का फैसला हो गया है। अगले महीने से इसकी शुरुआत हो जाएगी।

राजेश कुमार सोनी, जिला पूर्ति अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.