अलीगढ़ की बसपा में बड़े उलट फेर के संकेत, कई निष्क्रिय दिग्गज शीर्ष नेतृत्व के रडार पर Aligarh News
चुनाव निकट हों और बसपा में उलटफेर न हो अलीगढ़ में तो यह संभव ही नहीं। अगले साल होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बसपा संगठन को लेकर बेहद संजीदा है। चुनाव को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है।
अलीगढ़, जेएनएन। चुनाव निकट हों और बसपा में उलटफेर न हो, अलीगढ़ में तो यह संभव ही नहीं। अगले साल होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बसपा संगठन को लेकर बेहद संजीदा है। इससे पहले पार्टी जिला पंचायत सदस्य के चुनाव को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है। वार्ड आरक्षण के होते ही समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। इसके लिए कानपुर, आगरा व अलीगढ़ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बाबू मुनकाद अली हर रविवार को मंडलस्तरीय संगठन की समीक्षा करते हैं। बूथ स्तर तक जिन विधानसभा के सेक्टर प्रभारियों ने गठन नहीं किया है, या लगातार बैठकों में नहीं आ रहे, वे शीर्ष नेतृत्व की रडार पर हैं। इसकी निगरानी खुद आगरा व अलीगढ़ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी सूरज सिंह कर रहे हैं। इससे उलटफेर केे संकेत मिल रहे हैं।
तीन बार जिपं अध्यक्ष पद पर कब्जा
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बसपा ने लगातार तीन बार से कब्जा किया है। यह बात अलग है कि उस समय पूर्व कबिनेट मंत्री ठा. जयवीर सिंह बसपा के कद्दावर नेता थे। रामसखी कठेरिया, चौधरी सुधीर सिंह को सदस्यों का समर्थन जुटाने में मुख्य भूमिका रही थी। इनके भतीजे उपेंद्र सिंह नीटू निवर्तमान अध्यक्ष हैं। बसपा इस जीत को पार्टी की जीत का अभी भी दावा करती हैंं। मायावती के जन्मदिवस पर 15 जनवरी को भव्य आयोजन में बसपा के अलीगढ़ आगरा मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी सूरज सिंह ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखने के लिए एलान किया था। मंच पर कई जिला पंचायत सदस्य के दावादारों को तव्वजो दी गई थी। पार्टी जिला पंचायत चुनाव सदस्य व बीडीसी के चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। कैडर के वरिष्ठ नेताओं को भी इस काम में लगाया गया है।
हर रविवार को समीक्षा
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बाबू मुनकाद अली पिछले तीन माह से लगातार हर रविवार को अलीगढ़ आकर समीक्षा बैठक करते हैं। वे संगठन पर भी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने व मायावती सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने का जिम्मा भी कार्यकर्ताओं को दिया है। योगी सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए भी पार्टी के दिग्गज जुटे हुए हैं। सर्व समाज के साथ होने वाली संगीन घटना, जिसमें लूट, छिनैती, अपहरण, हत्या व दुष्कर्म की शिकार महिला व लड़कियों के परिजनों से मिलने व न्यायिक प्रक्रिया में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। जिस समुदाय या जाति के लोग संगीन घटनाओं के शिकार होते है, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पीड़ितों के पास पहुंचता है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व संगठन को जिला से लेकर बूथ तक के कार्यकर्ताओं को सक्रियता बनाए रखने की समय समय पर निर्देश देता है। विधानसभा व ब्लॉक प्रभारी व मुख्य सेक्टर प्रभारियों की सक्रियता पर नजर रखने के लिए जिलाध्यक्ष व जिलाध्यक्षों की सक्रियता को खुद मुनकाद अली व सूरज सिंह रखते हैं। मंडल के चार मुख्य सेक्टर प्रभारी भी पदाधिकारियों पर नजर बनाए हुए हैं। सूत्रों की मानें तो निष्क्रिय पदाधिकारियों की सूची भी तैयार हो चुकी है। इनको कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जिला से लेकर बूथ स्तर के मुख्य सेक्टर प्रभारियों पर नजर बानाए हुए है। इनकी पांच सदस्यीय कमेटी व नगर अध्यक्षों की कमेटियों पर नजर है। वरिष्ठ पदाधिकारी कई को चेतावनी दे चुके हैं। इनमें से बहुत से पदाधिकारियों ने सक्रियता भी बढ़ा दी है। कुछ अभी भी निष्क्रिय हैं। वे पार्टी नेतृत्व की रडार पर हैं।
- डा. रतन दीप सिंह, जिलाध्यक्ष, बसपा
विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। पंचायत चुनाव में अगर पदाधिकारी सक्रिय नहीं हुए तो उन के नाम शीर्ष नेतृत्व को दिए जाएंगे। बहिनजी (मायावती) ने विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
- तिलकराज यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष, बसपा