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शेरू तो डेढ़़ लाख में बिक गया, सुल्‍तान को अभी नहीं मिली खरीदार, जानिए मामला Aligarh news

कोरोना काल के बीच इस बार बकरीद 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस पर्व पर कुर्बानी देने की परंपरा है। इसके लिए शाहजमाल में एक हफ्ते से पैंठ लगी हुई है जहां एक से बढ़कर एक बकरे आ रहे हैं। इन्हीं में कुछ आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 08:17 AM (IST)
शेरू तो डेढ़़ लाख में बिक गया, सुल्‍तान को अभी नहीं मिली खरीदार, जानिए मामला Aligarh news
कोरोना काल के बीच इस बार बकरीद 21 जुलाई को मनाई जाएगी।

अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना काल के बीच इस बार बकरीद 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इस पर्व पर कुर्बानी देने की परंपरा है। इसके लिए शाहजमाल में एक हफ्ते से पैंठ लगी हुई है, जहां एक से बढ़कर एक बकरे आ रहे हैं। इन्हीं में कुछ आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। शुक्रवार को शेरू नाम के बकरे की एक लाख 40 हजार रुपये में बिक्री हुई। वहीं शेरू-सुल्तान नाम के दो बकरे बिकने को खड़े हैं, जिनकी कीमत एक लाख 80 हजार रुपये है।

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बकरीद को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़

बकरीद को लेकर बाजारों में खरीदारी का दौर शुरू हो गया है। इसी बीच शाहजमाल में बकरों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। यहां तमाम व्यापारी आए हैं। शुक्रवार को जंगलगढ़ी के आमिर केले वाले ने अपने शेरू नाम के बकरे को एक लाख 40 हजार रुपये में बिलाल को बेच दिया। शेरू की खूबसूरती ही उसका आकर्षण का केंद्र है। वहीं दो अन्य बकरे भी चर्चा में है। इनके मालिक वाहिद का कहना है कि दोनों बकरे अच्छी नस्ल के हैं। वे इन्हें बाहर से खरीदकर लाए थे और यहां लाकर पाला। खास बात ये है कि दोनों बादाम व खजूर खाते हैं। दोनों बकरों की खूबसूरती की भी चर्चाएं हो रही हैं। दूसरी तरफ पैंठ बाजार में लोगों की भारी भीड़ जुट रही है। यहां कई लोग बिना मास्क के नजर आए तो शारीरिक दूरी की भी धज्जियां उड़ा दी गईं।

प्रशासन ने जारी की गाइड लाइन

उधर बकरीद व श्रावण मास को देखते हुए प्रशासन ने गाइड लाइन जारी कर दी हैं। जिसके तहत जिले में किसी भी धार्मिक स्थल पर 50 से ज्यादा लोगा एकत्रित नहीं हो सकेंगे। मंदिर व मस्जिद सभी में यह आदेश समान रूप से लागू होगा।ईदगाह पर भी 50 से ज्यादा लाेग नहीं रहेंगे। वहीं, खैरेश्वर मंदिर पर भी इसी के तहत कड़ाई होगी। अन्य त्योहारों पर भी यही आदेश लागू कराया जाएगा। इस पर सभी धर्मगुरुओं ने कोरोना प्राटोकाल का पूर्ण पालन करने का आश्वासन दिया है। बैठक में हिंदू धर्म गुरुओं ने कांवड यात्रा न निकलने का आश्वासन दिया। इससे साफ है कि ईदगाह में भी ईद की नमाज 50 से अधिक लोग नहीं पढ़ पाएंगे।


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