शफीकुर्रहमान के वंदेमातरम न कहने पर बिफरे अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम Aligarh news
एएमयू में जिन्ना की तस्वीर के मुद्दे पर तल्ख तेवर अपनाने वाले सांसद सतीश गौतम के संसद में भी वैसे ही तेवर में दिख रहे हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। एएमयू में जिन्ना की तस्वीर के मुद्दे पर तल्ख तेवर अपनाने वाले सांसद सतीश गौतम के संसद में भी वैसे ही तेवर में दिख रहे हैं। सत्र शुरुआत के दूसरे दिन मंगलवार को सपा सांसद के वंदेमातरम न कहने पर सांसद भिड़ गए। उन्होंने शपथ ग्रहण के बाद जयश्रीराम, भारत माता के नारे लगाए। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि यह सब रिकार्ड में नहीं शामिल होगा तो सांसद ने कहा कि सपा सांसद को क्यों नहीं रोका गया? यदि सपा सांसद का शपथ ग्रहण रिकार्ड होगा तो उनका भी होना चाहिए।
भारत का संविधान जिंदाबाद
संसद सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने उर्दू में शपथ ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने कहा भारत का संविधान जिंदाबाद है, मगर वंदेमातरम इस्लाम के खिलाफ है। इसलिए हम इसका पालन नहीं कर सकते हैं। सांसद के इतना कहते ही सदन में शेम-शेम नारे लगे। सदन में मौजूद भाजपा सांसद वंदेमातरम के नारे लगाने लगे। इसके बाद सांसद सतीश कुमार गौतम का नंबर आया। शपथ ली और जयश्रीराम, वंदेमातरम, भारत माता हाथ ऊपर करके जोरदार नारे लगाए। इसपर नाराज डिप्टी स्पीकर ने कहा कि शपथ ग्रहण में कुछ भी दर्ज नहीं होगा। अर्थात रिकार्ड में सांसद की शपथ नहीं मानी जाती। इस पर सांसद बोले, शफीकुर्रहमान को क्यों नहीं रोका गया? फिर तो उनकी भी शपथ रिकार्ड में नहीं दर्ज होनी चाहिए?
श्रीराम और भारत माता के जयकारों से चलेगा देश
सांसद ने कहा कि शपथ ग्रहण के समय शफीकुर्रहमान ने अनावश्यक रूप से वंदेमातरम का जिक्र कर माहौल खराब करने का प्रयास किया। सभी सांसद आराम से शपथ ग्रहण करके अपने स्थान पर जा रहे थे। शफीकुर्रहमान को क्या जरूरत पड़ी वंदेमातरम के विषय को उठाने की। सांसद ने कहा कि इससे सपा सांसद की देश विरोधी मानसिकता का अंदेशा साबित हो गया। देश जय श्रीराम, भारत माता की जय और वंदेमातरम के बगैर न चला है और न चलेगा। सपा सांसद को आगाह किया कि आगे ऐसी कुचेष्टा की तो अच्छे से जवाब दिया जाएगा।
पहले भी सुर्खियों में रहे सांसद
एएमयू में जिन्ना की तस्वीर का मुद्दा हो या फिर अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण का मामला, सांसद गरजने में पीछे नहीं हटे। 2014 में पहली बार चुनकर आए सांसद भले नए थे, मगर ङ्क्षहदुत्व के मामले में उनका खून उबाल मारता रहा। 2015 में एएमयू में राजा महेंद्र प्रताप की जयंती मनाने का मुद्दा उठाया था। सांसद का तर्क था कि राजा महेंद्र प्रताप ने इतनी बड़ी जमीन दान कर दी, उनकी जयंती क्यों नहीं मनाई जाती, जबकि एएमयू संस्थापक सर सैयद की जयंती में बड़ा जलसा होता है। पूरे देश में यह मुद्दा गरमाया था। एक महीने तक खूब विवाद रहा। टप्पल में बच्ची की हत्या के मामले में भी सांसद ने आग उगलने वाला बयान दिया। कहा, ऐसी सजा दिलवाऊंगा कि यह समुदाय जिंदगी में कभी ऐसा कृत्य नहीं करेगा नहीं।
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