अलीगढ़ की एक समिति में हैं सात करोड़ की अनियमिताएं, डीएम के पास पहुंची रिपोर्ट
सिविल लाइन क्षेत्र में संचालित पोस्टल सील्स समिति में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। यहां पर पूर्व में बिना बिल के ही करोड़ों रुपये का कारोबार कर दिया गया। अब पिछले दिनों शिकायत के बाद डीएम ने जांच कराई तो पूरे घपले की पोल खुल गई है।
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 09:13 AM (IST)
अलीगढ़, जेएनएन। सिविल लाइन क्षेत्र में संचालित पोस्टल सील्स समिति में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। यहां पर पूर्व में बिना बिल के ही करोड़ों रुपये का कारोबार कर दिया गया। अब पिछले दिनों शिकायत के बाद डीएम ने जांच कराई तो पूरे घपले की पोल खुल गई है। ज्येष्ठ लेखा परीक्षक की जांच में सात करोड़ से ज्यादा की अनियमिताएं मिली हैं। पूर्व में समिति के सचिव व अध्यक्ष को इसमें दोषी पाया गया है। इनकी मिलीभगत से कर्मचारियों के हक पर हाथ साफ हो गया। अब जांच अधिकारी ने पूरी रिपोर्ट डीएम को दे दी है।
डेढ़ लाख का फर्जी भुगतान
शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में पोस्टल सील्स समिति के नाम से एक औद्योगिक समिति है। इसके माध्यम से पूरे देश भर में मोहरे आपूर्ति होती हैं। यह मोहरों की आपूर्ति करने वाली देश की एकलौती समिति है। पिछले काफी समय से डीएम को इसकी शिकायतें मिल रही थीं। इस पर डीएम ने पिछले दिनों ज्येष्ठ लेखा परीक्षक विजय भूषण ओझा को जांच के आदेश दिए थे। अब पिछले दिनों इन्होंने यह जांच रिपोर्ट डीएम को दे दी है। इसमें करीब सात करोड़ की अनियमिताएं सामने आई हैं। सामने आया कि पूर्व अध्यक्ष ऊथान मोहम्मद एवं उनके भाई शेर मोहम्मद ने मिलीभगत करके करीब डेढ़ लाख का फर्जी भुगतान किया गया।
55 लाख का नहीं बांटा बोनस
इसके अलावा श्रमिकों के करीब 55 लाख से अधिक का बोनस ही नहीं बांटा गया। इसके लिए पूर्व सचिव रवेंद्र कुमार शर्मा व ऊथान मोहम्मद दोषी हैं। इसके साथ ही करीब सात करोड़ से अधिक की धनराशि का बिना बिल के ही कारोबार कर दिया गया है। इसके लिए भी पूर्व अध्यक्ष व सचिव दोषी मिले हैं। इसके साथ ही जांच अधिकारी ने समिति के मौजूदा कर्मियों व सदस्यों को तत्काल बोनस व बकाया देने के निर्देश दिए हैं। समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि डीएम के निर्देश पर हुई निष्पक्ष जांच के लिए समिति के सभी सदस्यों में हर्ष है। उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी ने पूर्व में हुई कुछ नियुक्तियों को भी गलत ठहराया है।
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