हाथरस में युवक की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा, जानिए विस्तार से
विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी न्यायालय योगेंद्र राम गुप्ता के न्यायालय ने अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के मामले में एक युवक को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
हाथरस जेएनएन : विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी न्यायालय योगेंद्र राम गुप्ता के न्यायालय ने अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के मामले में एक युवक को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
यह है मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार राजकुमार पुत्र स्व. बाबूलाल निवासी मोहल्ला खंदारीगढ़ी ने 30 जनवरी 2018 को कोतवाली हाथरस गेट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि उनके बेटे अमित कुमार से मोहल्ले का आलम रंजिश मानता था। 29 जनवरी को अमित अपनी बाइक लेकर घर से गया था लेकिन देर शाम तक नहीं लौटा। 30 जनवरी की सुबह सात बजे अमित खंदारीगढ़ी मस्जिद के पास मृत मिला था।
आरोप पत्र अदालत में दाखिल
घटना की रिपोर्ट आलम के खिलाफ दर्ज कराई थी। आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी अमरेंद्र कुमार निरंजन ने की। हत्या का आरोप सिद्ध करने में सफल रहे। विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट योगेंद्र राम गुप्ता ने आलम को धारा 302 व एससी-एसटी एक्ट के अन्तर्गत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही बीस हजार रुपये अर्थदंड लगाया। वहीं धारा 411 के तहत पांच हजार रुपये का अर्थदंड व दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।