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कानून की जंजीरों में जकड़े गहने

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : नवरात्र के साथ ही त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। नई कर व्यवस्था

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Oct 2017 01:57 AM (IST)Updated: Mon, 02 Oct 2017 01:57 AM (IST)
कानून की जंजीरों में जकड़े गहने

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : नवरात्र के साथ ही त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। नई कर व्यवस्था के साथ कानूनी बंदिशें इतनी हैं कि निवेशक घबरा रहे हैं। वैवाहिक समारोह के ग्राहक भी कम आ रहे हैं। नवरात्र के समय 60 फीसद ग्राहकों की कमी हुई है। अन्य वर्षो की तुलना में इस सुहागन के प्रतीक का पर्व करवा चौथ पर ग्राहक कम आ रहे हैं।

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अगस्त से सोने को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के दायरे में ले लिया गया है, जिसमें 50,000 रुपये से अधिक के आभूषण खरीदने पर पहचान-पत्र देना जरूरी है।

एक अप्रैल 2016 से पीएमएलए के तहत पांच लाख रुपये तक की ज्वेलरी खरीद की लिमिट थी, फिर इसे दो लाख रुपये कर दिया गया। अब इसे 50000 रुपये कर दिया गया। शहर में आधार कार्ड व पैन कार्ड की अनिवार्यता है। सूत्रों की मानें तो वह पहचान बताने को तैयार नहीं। इसलिए बाजार में गिरावट है।

गोल्ड में निवेश पहली पसंद

पहले नेता, ब्यूरोक्रेट रीयल स्टेट में अपना पैसा लगाते थे। तमाम औपचारिकताओं से घिर जाने के बाद गोल्ड, डायमंड पर कानून का पहरा लग गया है। अन्य सरकारी कर्मचारियों की सातवा वेतन आयोग लागू होने से आमदनी बढ़ी है। आभूषण खरीदने के लिए पैसा है। ग्राहक 3 फीसद जीएसटी चुकाने को तैयार हैं, मगर वे पीएमएलए के तहत अपनी पहचान से संबंधित दस्तावेज देने को राजी नहीं हैं।

इनसर्ट

नया तिकड़म, पुराने के बदले नया गहना

सूत्रों ने बताया कि अब सर्राफों ने नया तरीका ढ़ूंढ लिया है। बहीखातों में यह दिखाते हुए आभूषण बेच रहे हैं कि सोना ग्राहकों ने मुहैया कराया था और उन्होंने उसके गहने बनाकर बेचे हैं। इस तरीके से खरीदार अपनी पहचान देने से बच रहे हैं। इससे ग्राहकों की संख्या कुछ बढ़ी है।

मेकिंग चार्ज व जीएसटी वसूली :

मेकिंग चार्ज व तीन फीसद जीएसटी दर्शाकर बहुत से मामलों में ग्राहक पुराने गहने नहीं दे रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसा बिल मिल रहा है, जिसमें लिखा होता है कि ग्राहक ने पुराना सोना मुहैया कराया है और सर्राफ ने मेकिंग चार्ज एवं उस पर तीन फीसदी जीएसटी वसूलकर गहने बेचे हैं। ऐसे मामलों में ग्राहकों को मेकिंग चार्ज के रूप में 50,000 रुपये से कम की राशि देनी होती है, जिससे वे पीएमएलए केवाइसी नियमों से बच जाते हैं। सर्राफ को अपने रिकॉर्ड में यह दिखाना होता है कि सोना ग्राहक ने दिया था, लेकिन बहुत से मामलों में महज एक बुक एंट्री होती है।

आयकर का नोटिस

यदि कोई ग्राहक एक बार में दो लाख रुपये से अधिक की ज्वेलरी खरीदता है, ऐसे ग्राहकों को आयकर विभाग नोटिस भी भेज सकता है। ग्राहक से उसकी कमाई का जरिया भी पूछ सकता है।

वर्जन..

बाजार में 60 फीसद तक की गिरावट है। ग्राहक के पास नकदी का संकट है। नवरात्र के बाद दीवाली से आस है।

विजय अग्रवाल, अध्यक्ष, अलीगढ़ सर्राफा कमेटी

गोल्ड, डायमंड व सिल्वर ज्वेलरी की खरीद पर नए नियम लागू किए जा रहे हैं। ग्राहक डरा हुआ है।

अमित वाष्र्णेय, विद्यासागर ईश्वरचंद्र ज्वेलर्स

पिछले साल की तुलना में इस बार नवरात्र में 10 फीसद भी बिक्री नहीं हुई। कानून के डर के साथ नकदी का संकट है।

- पंकज कुमार, पंकज ज्वेलर्स


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