टै्रवल्स एजेंसी की आड़ में चल रहा ई-टिकट का धंधा आरपीएफ ने पकड़ा
टै्रवल्स एजेंसी की आड़ में रेलवे की ई-टिकट का अवैध धंधा शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है। पिछले चार माह की कार्रवाई में आरपीएफ की क्राइम ब्रांच को ज्यादातर स्थानों पर टै्रवल्स एजें
अलीगढ़ (जेएनएन)। टै्रवल्स एजेंसी की आड़ में रेलवे की ई-टिकट का अवैध धंधा शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है। पिछले चार माह की कार्रवाई में आरपीएफ की क्राइम ब्रांच को ज्यादातर स्थानों पर टै्रवल्स एजेंसियां चलती मिलीं। अब तक छापामारी में करीब 15 लाख रुपये की टिकट का फर्जीवाड़ा सामने आया है। सिविल लाइंस, क्वार्सी इलाके की ऐसी कई एजेंसियां हैं, जो क्राइम ब्रांच के रडार पर हैं।
40 टिकट बरामद, लेखाजोखा भी मिला
अलीगढ़ में गठित आपीएफ की क्राइम ब्रांच टीम ने ई-टिकट के अवैध धंधे से जुड़े लोगों की धर पकड़ से कार्रवाई की शुरुआत की थी। बीते वर्ष 10 नवंबर को रेलवे रोड स्थित कोयले वाली गली में एसके टू एंड ट्रैवल्स एजेंसी के दफ्तर से पहला बड़ा मामला पकड़ा था। यहां से 40 टिकट बरामद हुईं, 198 टिकटों की बिक्री का लेखाजोखा भी मिला। 19 नवंबर को नई कॉलोनी कासिमपुर पावर हाउस निवासी वरुण प्रताप से 11 टिकट बरामद की, 46 टिकट का विवरण मिला। तीन दिसंबर को एटा के जलेसर निवासी कफील से 13 टिकट बरामद हुईं, 63 टिकट वह बेच चुका था। 10 दिसंबर को इटावा के कल्पना नगर में भी फर्जीवाड़ा खोला था।
कई आइडी बनाने का भी फंडा
क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार कौशिक बताते हैं कि नियमानुसार एक व्यक्ति अपनी मेल आइडी से अपने व परिजनों के लिए छह टिकट बुक करा सकता है। अवैध धंधा करने वाले कई फर्जी आइडी बना लेते हैं और छह-छह टिकट के हिसाब से टिकट बनाकर मनमानी कीमत पर बेचते हैं। नौ अप्रैल को नौरंगाबाद स्थित राधे अपार्टमेंट में एक दफ्तर से 11,14,665 रुपये की 643 टिकट का लेखाजोखा मिला था। अभी कई लोग रडार पर हैं, जल्द ही कार्रवाई होगी।