अलीगढ़ में भाई दूज के अगले दिन भी बसों में मारामारी, जान से ज्यादा सीट की चिंता
त्योहार पर इस बार रोडवेज बसों में लोगों ने नियमों की धज्जियां उड़ा दीं। भाई दूज पर रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अगले दिन मंगलवार को भी बसों में मारामारी रही। सीट पाने के लिए लोग एक-दूसरे से भिड़ते नजर आए।
अलीगढ़, जेएनएन। त्योहार पर इस बार रोडवेज बसों में लोगों ने नियमों की धज्जियां उड़ा दीं। भाई दूज पर रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अगले दिन मंगलवार को भी बसों में मारामारी रही। सीट पाने के लिए लोग एक-दूसरे से भिड़ते नजर आए। मंगलवार को 30 हजार लोगों ने अलीगढ़ से यात्रा की। कोरोना के चलते इस बार रोडवेज ने सुरक्षित सफर को लेकर खास इंतजाम कर रखे थे। दावा किया जा रहा था कि लोग बिना मास्क के सफर नहीं करेंगे और शारीरिक दूरी का उल्लंघन नहीं होगा। लेकिन, धनतेरस से ही लोगों ने रोडवेज के प्रबंंधों को नाकाफी साबित कर दिया।
90 हजार लोगों ने सफर किया
पहले ही दिन 48 हजार लोगों ने सफर किया। फिर छोटी दीपावली पर 90 हजार लोगों ने सफर किया। इसके बाद गोवर्धन और भाई दूज पर एक लाख लोगों ने सफर किया। यही हाल मंगलवार को रहा। मंगलवार को सुबह से ही बहनों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया। गांधीपार्क व सूतमिल चौराहा स्थित बस स्टैंड से निकलने वालीं बसें खचाखच थीं। सीट तक पहुंचने के लिए महिलाओं के बीच मारामारी होती रही। आगरा, मथुरा, कासगंज, हाथरस व इटावा की ओर जाने वाली बसों में अधिक भीड़ थी। दिनभर में करीब 30 हजार लोगों ने सफर किया। आरएम रोडवेज परवेज खान ने बताया कि 400 बसों का संचालन हुआ है। 100 रिजर्व में रखी थीं। लेकिन, उनकी जरूरत नहीं पड़ी।
जान से ज्यादा सीट की चिंता
अलीगढ़ के गांधी पार्क बस स्टैंड पर मंगलवार को यात्री बस में सवार होने के लिए इस तरह जूझते नजर आए। भैया दूज पर मायके आई बेटियों के लिए वापस जाने के लिए बस पकड़ना जंग जीतने से कम नहीं था। कोरोना महामारी के बीच लोगों को जान से ज्यादा सीट पाने की चिंता थी। एक वृद्ध ने अपनी बेटी को ससुराल भेजने के लिए कंधे पर चढ़ाकर बस में सीट लेने में मदद की।