सुविधाओं को तरस रहे पड़ाव दुबे से जुड़े गली-मोहल्ले, बदहाल सड़कों पर हो रहा विकास का राग Aligarh news
स्मार्ट सिटी में बदहाल सड़कों पर प्रशासन विकास का राग अलाप रहा है। मुख्य मार्ग भी अनदेखी के शिकार हैं।
अलीगढ़ [जेएनएन]: स्मार्ट सिटी में बदहाल सड़कों पर प्रशासन विकास का राग अलाप रहा है। मुख्य मार्ग भी अनदेखी के शिकार हैं। पड़ाव दुबे चौराहे से जीटी रोड को आगरा रोड से जोडऩे वाला लिंक रोड इसका उदाहरण है। इस रोड से जुड़े गली-मोहल्ले वर्षों से विकास की राह देख रहे हैं। न ठीक से सड़कें बनी, न सफाई ही हो रही। नालियां भी गंदगी से बजबजा रही हैं। सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है, जिस पर नगर निगम मौन है। सब्जी की ठेल-ढकेल आधी सड़क को कब्जाए हैं। अधूरा नाला भी मुंह चिढ़ा रहा है। नाला निर्माण में भी अनियमितता के आरोप लग रहे हैं। 'जागरण आपके द्वारÓ में रविवार को टीम इस इलाके की समस्याओं से रूबरू हुई। इलाके के सराय दीनदयाल निवासी रामकुमार का कहना है कि पार्षद, विधायकों को इसलिए चुना था कि समस्याओं का निस्तारण कराएंगे, निस्तारण तो दूर हमारी सुनते तक नहीं। साथ ही पूर्व पार्षद कन्हैया लाल, का कहना है कि गलियों में सड़कें बनाने के लिए बजट नहीं है तो मरम्मत ही सकती है, लेकिन ये कार्य भी अफसर नहीं करा पा रहे।
डिवाइडर जगह-जगह से उखड़ा है
मीनाक्षी ओवरब्रिज से उतरते ही पड़ाव दुबे चौराहा पार कर लिंक रोड की शुरुआत होती है, जो आगरा रोड से मिलता है। ये रोड महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि आगरा और मथुरा जाने वाले वाहन यहीं से निकलते हैं। स्कूली बसें भी इसी रोड से गुजरती हैं। बीच में डिवाइडर है, जो जगह-जगह से उखड़ा है। सड़क के दोनों ओर जमी ठेल-ढकेलों से मार्ग संकरा हो गया है। सड़ी-गली सब्जियां सड़क पर फेंक दी जाती है, जिससे वाहन फिसलते हैं। इसी मार्ग से पीर मठ्ठा, धोबी वाली गली, सराय दीन दयाल, पड़ाव दुबे आदि जुड़े हैं, जिनकी सड़कें जर्जर हैं। पीर मठ्ठा पर सुलभ शौचालय का भुगतान 2015 से नहीं किया गया।
हादसों का सबब अधूरा नाला
पड़ाव दुबे तिराहे से लिंक रोड होकर चौराहे पर 123 मीटर नाला निर्माण होना था। 68 मीटर ही निर्माण हो सका, 55 मीटर का हिस्सा शेष है। सालभर बाद भी नगर निगम ने सुध नहीं ली। गली-मोहल्लों की नालियां इसी से जुड़ी हैं। निकासी न होने से नाले-नालियां गंदगी से अटे हैं। नाला पाटा भी नहीं गया। आए दिन मवेशी गिरते हैं।
गलियों में डेयरियां
गलियों में डेयरियां खुली हुई हैं। मवेशियों का मलमूत्र नाली और सड़कों पर बहता है। दूध दोहने के बाद मवेशी छोड़ दिए जाते हैं, जो सड़क पर विचरण करते हैं।