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बदलती जीवनशैली, नशीली दवा व शराब से ब्रेन ट्यूमर का खतरा Aligarh news

आजकल लोगों की जिंदगी में काफी उथल-पुथल व व्यस्तता भरी हुई है। इससे उनकी जीवनशैली व खानपान पर असर पड़ रह है। भागदौड़ भरी जिंदगी में बीमारी ही नहीं तनाव भी बढ़ रहा है। इससे लोग शराब व अन्य नशीली वस्तुओं की तरफ मुड़ रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 05:12 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 06:50 AM (IST)
बदलती जीवनशैली, नशीली दवा व शराब से ब्रेन ट्यूमर का खतरा Aligarh news
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के अंदर या बाहर की कोशिकाओं व ऊतकों का असामान्य विकास है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  आजकल लोगों की जिंदगी में काफी उथल-पुथल व व्यस्तता भरी हुई है। इससे उनकी जीवनशैली व खानपान पर असर पड़ रह है। भागदौड़ भरी जिंदगी में बीमारी ही नहीं, तनाव भी बढ़ रहा है। इससे लोग शराब व अन्य नशीली वस्तुओं की तरफ मुड़ रहे हैं। दवा का सेवन भी नुकसानदायक साबित हो रहा है। विभिन्न शोध में सामने ये सभी फैक्टर ब्रेन ट्यूमर के कारक हो सकते हैं। विगत वर्षों की तुलना में ब्रेन ट्यूमर के मामले 25 फीसद तक बढ़ गए हैं, लेकिन अब इसका उपचार होने लगा है। आइए, वर्ल्ड ब्रेन ट्यूटर डे पर इसके बारे में जानें...

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बिनाइन टयूूूमर धीरे-धीरे बढ़ता है

वरिष्ठ न्यूूूूरो सर्जन डा. नागेश वार्ष्णेय ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के अंदर या बाहर की कोशिकाओं व ऊतकों का असामान्य विकास है। ये मस्तिष्क, स्पाइनल कार्ड या नर्व में भी हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र या महिला-पुरुष को हो सकता है। इसके दो प्रकार हैं- विनाइन (बिना कैंसर वाले) या मैलिग्नेंट(कैंसर वाले)। बिनाइन ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे उसके आसपास के ऊतकों व कोशिकाओं पर दबाव पड़ता है। मेलिंगनेंट ट्यूमर बहुत तेजी व आक्रामक तरीके से बढ़ते हैं। ये मस्तिष्क के आसपास के हिस्से को भेदते हुए कई बार मस्तिष्क के दूसरे हिस्से व रीढ़ में भी फैल जाते हैं।

ब्रेन ट्यूमर की जांच

मरीज की हिस्ट्री (चोट आदि) देखने के बाद सीटी स्कैन या एमआरआइ स्कैन, फंक्शनल एमआरआइ एंजियोग्राम, सीएसएफ परीक्षण , हार्मोनल रक्त परीक्षण आदि जांच की जाती है। सबसे अच्छी जांच कंट्रास्ट एनहांस्ड एमआरआइ ब्रेन है।

उपचार की विधि

डा. नागेश वार्ष्णेय के अनुसार उपचार ट्यूमर के आकार-प्रकार, उम्र व मरीज की स्थिति आदि पर निर्भर करता है। शुरुआत में दौरे व बेहोशी को रोकने के लिए दवा दी जाती है। इसके बाद सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी व कीमोथेरेपी का सहारा लिया जाता है।

ब्रेन ट्यूमर के आम लक्षण

- उल्टी के साथ सिर दर्द

- चक्कर आना /मूर्छा/बेहोशी/मिर्गी

- शरीर के अंगों में असामान्य सनसनाहट

- लड़खड़ाहट के साथ चलना, असंतुलन (अटेक्सिया)

-धुंधला दिखना या दृष्टि में कमी, बोलने में कठिनाई।

हार्मोनल प्रभाव

- व्यवहार में परिवर्तन

- अंगों की कमजोरी

- थकावट भ्रम, एकाग्रता में कमी।

ये ध्यान रखें मरीज

- नींद पूरी लें

-तनाव न लें

- नशे से दूर रहें

- नियमित व्यायाम व योग करें

- पौष्टिक और संतुलित आहार लें

- पानी खूब पिएं

- समय पर चिकित्सक से मिले


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