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एक हजार रुपये कमाने वाला सेल्समैन ऋषि 23 साल में बना माफिया, जानिए पूरा मामला Aligarh news

जहरीली शराब प्रकरण का मुख्य आरोपित ऋषि शर्मा कभी एक हजार रुपये में सेल्समैन की नौकरी करता था जो अब जिले का सबसे बड़े माफिया है। ठेके पर नौकरी के दौरान शराब की हर बारीक बातें समझीं और धीरे-धीरे खुद के ठेके खोले।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 10:12 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 10:20 AM (IST)
एक हजार रुपये कमाने वाला सेल्समैन ऋषि 23 साल में बना माफिया, जानिए पूरा मामला Aligarh news
जहरीली शराब प्रकरण का मुख्य आरोपित ऋषि शर्मा कभी एक हजार रुपये में सेल्समैन की नौकरी करता था।

सुमित शर्मा, अलीगढ़ । जहरीली शराब प्रकरण का मुख्य आरोपित ऋषि शर्मा कभी एक हजार रुपये में सेल्समैन की नौकरी करता था, जो अब जिले का सबसे बड़े माफिया है। ठेके पर नौकरी के दौरान शराब की हर बारीक बातें समझीं और धीरे-धीरे खुद के ठेके खोले। 23 साल में शराब कारोबार पर इतना हाबी हुआ कि आसपास के जिलों तक में इसने ठेके ले लिए। पुलिस इसके अवैध शराब के ठिकाने तलाशने में लगी है तो प्रशासन इसकी चल व अचल संपत्ति का विवरण जुटा रहा है।

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छह टीमों को नौ दिन लगे ऋषि को पकड़ने में 

जिले के जवां थाना क्षेत्र के ऋषि शर्मा पकड़ने में पुलिस की छह टीमों को नौ दिन लग गए। वह सरेंडर करने की फिराक में था। पुलिस पूछताछ में कई अहम बातें सामने आईं। पुलिस के मुताबिक, वर्ष 1998 में शराब के ठेकों का जिले में एक ही कांट्रेक्टर होता था। ऐसे में ऋषि बुलंदशहर में अपने बहनोई के शराब के ठेके पर बतौर सेल्समैन काम करता था। कारोबार में कमाई को देखते हुए इसने अपने ठेके लेने की ठान ली। सेल्समैन की नौकरी के दौरान ही ऋषि ने शराब की हर बारीक समझ ली। कई अन्य लोगों के भी संपर्क में आ गया, जिनकी मदद से 2004-05 में एक ठेका लिया। इसमें भी दो-तीन लोग हिस्सेदार थे। एक साल बाद ही 2006 में ऋषि के भाई मुनीश के नाम पर ठेका मिल गया। यह ऋषि परिवार का पहला खुद का ठेका था। यहां से दोनों भाइयों की जोड़ी इतनी चली कि 2018-19 में इनके 15-16 ठेका खुद के हो गए। राजनीतिक में रसूख भी बढ़ता चला गया। इसका लाभ ठेका लेने में मिला। आबकारी विभाग में भी पकड़ हो गई। इसी दौरान ऋषि का संपर्क मिलावटी शराब का धंधा करने वालों से हो गया। माफिया अनिल चौधरी भी उनमें से एक था। इसके बाद तो उसने पीछे मु़ड़कर नहीं देखा। आबकारी विभाग में ऐसी धाक जमा ली कि अफसर मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। नेताओं से ऋषि के संपर्क अफसरों को कुछ भी करने से पहले सोचने के लिए मजबूर करते थे। अब पुलिस की बारी है। शराब पीने से हुई मौतों को लेकर सख्त कार्रवाई कर रही है। ऋषि की पत्नी, भाई, बेटे व भांजे को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।

तीन साल से विपिन के संपर्क में था

ऋषि करीब तीन साल से विपिन के संपर्क में था। विपिन ही शराब की सप्लाई करता था। इससे पहले भी अन्य लोग थे, जो ऋषि को शराब की सप्लाई देते थे। इससे स्पष्ट है कि ऋषि इस गोरखधंधे में लंबे समय से सक्रिय था। वहीं कुछ बड़े नाम भी हैं, जो ऋषि के सपोर्ट में रहते थे। इनकी भी पुलिस तलाश कर रही है।

नोएडा, बुलंदशहर में घूमता रहा

ऋषि नौ दिनों के अंदर नोएडा, बुलंदशहर के अलावा अलीगढ़ में भी छिपता रहा था। फोन बंद कर रखा था। बावजूद इसके मुखबिरों से जानकारी के आधार पर पुलिस इसकी गतिविधि को ट्रेस कर रही थी।

इनका कहना है

मुख्य आरोपित ऋषि की तलाश में छह टीमें छह राज्यों में लगी हुई थीं। ऋषि को विपिन व शिवकुमार शराब की आपूर्ति करते थे। इनके साथ और कौन-कौन शामिल था, इसका पता लगाने के लिए ऋषि को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। गिरफ्तार करने वाली टीम को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

- कलानिधि नैथानी, एसएसपी


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