अलीगढ़ के नई बस्ती में मस्जिद की दीवार पीछे हटाई, जानिए क्या थी वजह Aligarh News
मुहल्ला नई बस्ती में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सात दशक पुरानी मस्जिद की दीवार खुद ही चार फुट पीछे कर ली। खास बात यह है कि मस्जिद की दीवार नाले के ऊपर बनी थी।
अलीगढ़ (जेएनएन)। कौमी एकता की मिसाल कायम कर रहे मुहल्ला नई बस्ती में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सात दशक पुरानी मस्जिद की दीवार खुद ही चार फुट पीछे कर ली। खास बात यह है कि मस्जिद की दीवार नाले के ऊपर बनी थी। धार्मिक दृष्टि से भी यह ठीक नहीं था। सफाई कार्य में भी बाधक बनी हुई थी।
एकता की मिसाल कायम किए है मुहल्ला नई बस्ती
नई बस्ती जिले का पहला मुहल्ला है, जहां मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा हैं और उसके मानने एकता की मिसाल कायम किए हुए हैं। नई बस्ती में आजादी के बाद मस्जिद की बनाई गई थी, जिन्होंने मस्जिद को बनवाया वो अब दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके परिवार के लोग इस मस्जिद की देखभाल करते हैं। मस्जिद का एक हिस्सा नगर निगम के नाले पर था। यह बात मस्जिद कमेटी के लोगों को अखरती थी कि अवैध जगह पर नमाज पढऩा ठीक नहीं है।
धार्मिक दृष्टि से भी नहीं था ठीक
आसपास के लोगों व मस्जिद से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों ने आपस में दीवार पीछे करने का फैसला किया। इसके बाद मस्जिद के एक हिस्से को तुड़वा दिया और दीवार को चार फुट पीछे कर लिया। दीवार पीछे होने से अब नाला खुल गया है। अब आसानी से सफाई हो सकेगी। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष बब्लू अब्बासी का कहना है कि मस्जिद की दीवार पीछे होने से नाला पूरी तरह खुल गया है, जिसकी सफाई आसानी से होगी, प्रधानमंत्री की स्वच्छता के संदेश को बल मिलेगा। कमेटी ने तय किया कि कब्जेवाली जगह पर नमाज पढऩा मुनासिब नहीं है, क्योंकि इसे अवैध माना जाता है। इसलिए दीवार पीछे हटाने का फैसला किया गया।