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अफसरों की तत्परता ने मचाई नकल के ठेकेदारों के बीच खलबली, जानिए क्‍या है मामला

प्रवेश लेने वाले बाहरी छात्रों के दस्तावेज हर प्रधानाचार्य को देने हैं। अगर किसी विद्यालय में बाहरी छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया है तो उसकी भी सूचना देनी है कि अमुख संस्थान में किसी बाहरी छात्र को प्रवेश नहीं दिया गया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 26 Dec 2021 11:36 AM (IST)Updated: Sun, 26 Dec 2021 11:36 AM (IST)
अफसरों की तत्परता ने मचाई नकल के ठेकेदारों के बीच खलबली, जानिए क्‍या है मामला
डीआइओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यालयों से बाहरी छात्रों की सूचना आई है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से अफसरों की तत्परता ने नकल के ठेकेदारों के बीच खलबली मचाने का काम किया है। विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की छमाही व प्रयोगात्मक परीक्षाओं के बाद उनके अंक अपलोड करने की प्रक्रिया के बीच ही अफसरों ने विद्यालयों से बाहरी छात्रों के प्रवेश के संबंध में सूचना मांग ली है। हालांकि दिसंबर के अंत तक ये सूचना हर विद्यालय की ओर से आ जानी चाहिए। मगर अभी भी करीब 500 से ज्यादा विद्यालयों की ओर से सूचना नहीं दी गई है। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन कालेज हैं। इनमें प्रवेश लेने वाले बाहरी छात्रों के दस्तावेज हर प्रधानाचार्य को देने हैं। अगर किसी विद्यालय में बाहरी छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया है तो उसकी भी सूचना देनी है कि अमुख संस्थान में किसी बाहरी छात्र को प्रवेश नहीं दिया गया है।

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कालेजों पर होगी प्रत्‍याहरण कार्रवाई

माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं व 12वीं में प्रवेश पाने वाले जनपद से बाहर के विद्यार्थियों का ब्योरा अफसरों के पास भेजना है। ये ब्योरा यूपी बोर्ड के पास भेजा जाएगा। मगर जिले के तमाम प्रधानाचार्यों ने अपने यहां प्रवेश लेने वाले बाहरी छात्रों का ब्याेरा उपलब्ध नहीं कराया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले के करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनका ब्योरा बोर्ड के पास अभी तक नहीं पहुंच पाया है। इनके परीक्षा देने पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि ऐसे बाहरी विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित किया जाएगा, जिनका ब्योरा अफसरों व बोर्ड के पास नहीं जाएगा। पूर्व में भी बाेर्ड के पास ऐसे विद्यार्थियों की सूचना न पहुंचने से करीब 15 हजार परीक्षार्थियों का परिणाम बोर्ड ने रोक दिया था। मगर इस बार ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल ही नहीं किया जाएगा। सूचना न देने वाले कॉलेजों पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जाएगी।

बाहरी छात्रों पर निगाह पैनी

जिले से बाहर के छात्रों को प्रवेश देने से पहले उनके शैक्षिक दस्तावेज, प्रमाणपत्र, आधार कार्ड आदि कागजात अफसरों के पास जमा कराए जाएंगे। साथ ही इस बार हर बाहरी छात्र को प्रवेश देने से पहले डीआइओएस से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। पहले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में 10-10 छात्रों के बाद 11वें को प्रवेश देने पर अफसरों से अनुमति लेने की अनिवार्यता की गई थी। ये सख्ती बोर्ड की ओर से इसलिए की गई है जिससे विद्यालय संचालक केवल नकल कराने के उद्देश्य से किसी बाहरी छात्र को प्रवेश नहीं दे सकें। डीआइओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यालयों से बाहरी छात्रों की सूचना आई है। कुछ अभी भी बाहरी छात्रों के प्रमाणपत्र नहीं मुहैया करा रहे। दस्तावेजों के न पहुंचने के चलते अगर किसी विद्यार्थी का भविष्य खराब होता है तो संबंधित संस्थान इसका जिम्मेदार होगा। सभी को अंतिम चेतावनी जारी की जा चुकी है। तीन दिन में छात्रों का डेटा उपलब्ध करा दें। जिन विद्यालयों से डेटा नहीं मिलेंगे उनके बाहरी छात्रों के आवेदन निरस्त कराकर उनके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर दी जाएगी।


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