अलीगढ़ के भाजपा प्रत्याशी सतीश को आशीर्वाद दे गए रामवीर
बसपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम को आर्शीवाद दे दिया। कहा सतीश मेरे छोटे भाई हैं उनकी पत्नी मीनाक्षी गौतम मंच पर मौजूद हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। बसपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाजपा में जाने की चर्चाएं चलती रहीं। रविवार को रामलीला मैदान में आयोजित परशुराम सेवा संस्थान के होली मिलन समारोह में जिस तरह उन्होंने बोला कि ये दुआ ऐसे ही नहीं उठ रही थी। पार्टी लाइन तोड़ते हुए परोक्ष रूप से भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम को आशीर्वाद दे दिया। कहा, 'सतीश मेरे छोटे भाई हैं, उनकी पत्नी मीनाक्षी गौतम मंच पर मौजूद हैं। मैं उनको आशीर्वाद देता हूं। विप्र बंधु भी उन्हें समर्थन दें।' ब्राह्मण समाज की प्रतिष्ठा आपके हाथ में हैं। इसे गिरने मत देना। इसके बाद बसपा में अंदर ही अंदर हलचल मच गई है, लेकिन कोई की कद्दावर नेता स्पष्ट बोलने को तैयार नहीं हैं।
समाज के लोगों ने हमेशा साथ दिया
अचलताल रामलीला मैदान में आयोजित सम्मेलन के मंच पर भाजपा व अन्य दलों से जुड़े समाज के कई नेताओं को आमंत्रित किया गया था। रामवीर उपाध्याय भी शामिल हुए। मंच से उन्होंने कहा समाज के लोगों ने हमेशा मेरा साथ दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में सादाबाद से विधायक बनाया। पिछली बार इसी होली मिलन में शिव नारायण शर्मा ने कहा था कि लोकसभा चुनाव निकट है, आपके भी अलीगढ़ से चुनाव लडऩे की चर्चाएं तेज चल रही हैं। उस समय मैंने कहा था कि सतीश गौतम खड़े होते हैं तो मैं यहां से चुनाव नहीं लड़ूंगा। सतीश छोटे भाई हैं। उनकी पत्नी मीनाक्षी गौतम यहां बैठी हैं। मेरी अपील है कि आप इनको आशीर्वाद दें, समर्थन करें। मैं तन, मन और धन से आपके साथ हूं।
बसपा नेता ने किया रामवीर का विरोध
बसपा नेता के भाजपा नेता के समर्थन में अपील से थोड़ी ही देर में पूरे शहर में यह बात आग की तरह फैल गई। सोशल मीडिया पर मैसेज चलने लगे। मंच पर बैठे बसपा नेता विजय पंडित ने रामवीर का विरोध कर दिया। कहा, यह राजनीतिक मंच नहीं है। समाज की बात होनी चाहिए। भाजपा में शामिल हुए मुकुल उपाध्याय भी शामिल हुए। मुकुल ने रामवीर उपाध्याय के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया।
फतेहपुर सीकरी से चुनाव न लडऩे के बाद से चर्चाएं शुरू
बसपा ने रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को फतेहपुर सीकरी से लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। बाद में रामवीर उपाध्याय ने बसपा सुप्रीमो से मिलकर वहां से चुनाव लडऩे से इन्कार कर दिया। रामवीर ने यह भी कहा था बहनजी जहां से चुनाव लड़ाएंगी, वहां से लडूंगा। इसमें अलीगढ़ का नाम तेजी से चर्चाओं में आया था। रामवीर के इस फैसले के बाद तेजी से चर्चा ये भी फैली कि रामवीर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि रामवीर ने इससे इन्कार किया। कुछ माह पहले ही उनके भाई मुकुल उपाध्याय भाजपा में शामिल हुए हैं, इससे और ज्यादा कयास लगाए जा रहे थे। रामवीर के बयान के बाद राजनीति गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि अब आगे क्या होगा? भाजपा रामवीर के आशीर्वाद को किस तरह भुना पाती है।
समाज की थी मीटिंग
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का कहना है कि समाज का कार्यक्रम था। समाज की बात कही थी। सतीश गौतम मेरे छोटे भाई व मित्र हैं। उनकी पत्नी कार्यक्रम में थीं। समाज से उनके लिए आशीर्वाद देने की बात कही थी। मेरी जगह और भी कोई होता तो यही कहता। किसी दल की मीटिंग नहीं थी।
सतीश गौतम को आर्शीवाद देने की बात गलत
बसपा के मंडल जोन इंचार्ज गजराज विमल का कहना है कि समाज का कार्यक्रम था। उसमें सभी राजनीति व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम को आशीर्वाद दिया है यह गलत है, क्योंकि उसमें वो मौजूद ही नहीं थे। रामवीर उपाध्याय पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वो ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे पार्टी को नुकसान हो।