राजा महेंद्र प्रताप के कुलपति बोले,आगरा यूनिवर्सिटी में भी बना सकते हैं कार्यालय, जाने मामला
कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के हित में शुरुआत से ही सभी गतिविधियों को समय के साथ संचालित करना जरूरी है। वरना शुरू से ही लेट होने पर भविष्य में भी काम बचत में होने के चलते देरी होगी जो कि विद्यार्थी हित में नहीं होगा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के कामकाज को सुचारु रूप से संपादित करने के लिए अगर अस्थाई कार्यालय के लिए जल्द जगह का चयन न हुआ तो डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (आगरा यूनिवर्सिटी) में भी अस्थाई ठिकाना बन सकता है। इस बात के संकेत अलीगढ़ में बन रहे राजा महेंद्र सिंह राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. चंद्रशेखर ने दिए हैं।
यह है मामला
कुलपति ने बताया कि जिले में अस्थाई कार्यालय की तलाश में लगे हैं। इसके संबंध में उन्होंने कमिश्नर गौरव दयाल से जगह के संबंध में भी बात की थी। मुकुंदपुर और खैर क्षेत्र में जगह देखी थीं लेकिन गतिविधियों को संचालित करने के हिसाब से जगह सही नहीं लगीं। अभी प्रशासन से आश्वासन मिला है कि एक हफ्ते में जगह की व्यवस्था कराएंगे। अगर व्यवस्था नहीं हो सकी तो फिर आगरा यूनिवर्सिटी में ही कोई अस्थाई तौर पर व्यवस्था बनाने पर विचार किया जा सकता है। राज्य विश्वविद्यालय के शुरुआती काम भी प्रभावित हो रहे हैं। रजिस्ट्रार व फाइनेंस अाफिसर भी तैनात हाे चुके हैं। पहले चरण में मंडल के 400 विद्यालयों को संबद्ध किया जाना है। लक्ष्य है कि 2022-23 से ही सत्र का संचालन हो इसलिए अस्थाई कार्यालय की जरूरत है।
चार महीने से है आस
लोधा ब्लाक के मूसेपुर गांव में करीब 93 एकड़ जमीन पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। 14 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास कर निर्माण का उद्धाटन कराया था। तब से लेकर 18 जनवरी 2022 तक नए कुलपति के तौर पर प्रो. चंद्रशेखर नियुक्त किए गए। रजिस्ट्रार व फाइनेंस आफिसर भी तैनात किए गए। मगर जरूरी व शुरुआती क्रियाकलापों को अमलीजामा पहनाने के लिए जरूरी अस्थाई कार्यालय की आस अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के हित में शुरुआत से ही सभी गतिविधियों को समय के साथ संचालित करना जरूरी है। वरना शुरू से ही लेट होने पर भविष्य में भी काम बचत में होने के चलते देरी होगी, जो कि विद्यार्थी हित में नहीं होगा।