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Rain Water Harvesting : फाइलों में कैद रह जाते हैं जल सहेजने के वायदे Aligarh News

अधिकतर लोग इस पर अमल नहीं करते हैं। अब 300 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवन स्वामियों को ही देख लीजिए। प्राधिकरण से नक्शा पास कराने के दौरान शपथ पत्र पर वादा करने के बाद भी भवन स्वामी रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं लगवाते हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 07:56 AM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 07:56 AM (IST)
Rain Water Harvesting : फाइलों में कैद रह जाते हैं जल सहेजने के वायदे Aligarh News
शपथ पत्र पर वादा करने के बाद भी भवन स्वामी रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं लगवाते हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। जल संरक्षण की बात तो हर कोई करता है, लेकिन अधिकतर लोग इस पर अमल नहीं करते हैं। अब 300 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवन स्वामियों को ही देख लीजिए। प्राधिकरण से नक्शा पास कराने के दौरान शपथ पत्र पर वादा करने के बाद भी भवन स्वामी रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं लगवाते हैं।प्राधिकरण हर साल इन्हें कार्रवाई के नाम पर नोटिस जारी करता है, लेकिन भवन स्वामी चुप्पी साध लेते हैं। अब प्राधिकरण फिर से अभियान चलाकर कार्रवाई करने की तैयारी में है। सभी बड़े भवन स्वामियों की सूची खंगाली जा रही है। 

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300 वर्ग मीटर के भवन में अनिवार्य 

नियमों के मुताबिक 300 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल में बनाए जाने वाले नए भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। इससे वर्षा के जल को एकत्र कर जमीन में प्रवाहित किया जाता है, ताकि भूगर्भ जल स्तर ऊंचा बना रहे। नक्शा पास कराने के लिए सभी भवन स्वामियों को एडीए में शपथ देना होता है। इस शपथ पत्र में शर्त होती है कि नवनिर्मित भवन में वह सिस्टम लगवाएगा। इसके लिए एक निर्धारित जमानत राशि भी जमा होती है। सिस्टम लगने के बाद इसे वापस कर दिया जाता है। भवन निर्माण के पांच साल के अंदर रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना अनिवार्य है। 

नहीं होता अमल 

भले ही शपथ पत्र में सभी भवन स्वामी रेन वाटर हार्वेस्टिंग का वादा करते हैं, लेकिन अधिकतर के वादे झूठे हो जाते हैं। अधिकतर लोग यह सिस्टम नहीं लगवाते हैं। एडीए के पास इसके लिए कार्रवाई का अधिकार है, लेकिन अफसर न तो सर्वे कराते हैं और ही न ही कार्रवाई की। महज नोटिस जारी कर खाना पूर्ति कर दी जाती है। हाल यह है कि कई सरकारी विभागों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं लगे हैं, लेकिन अफसर फिर भी चुप्पी साधे हुए हैं। 

जमा है धनराशि

शहरी क्षेत्र में 200 से अधिक भवन स्वामियों की प्राधिकरण में शपथ पत्र तो जमा है, लेकिन मौके पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी नहीं लगा है। इनके नक्शा पास हुए भी पांच साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन फिर भी सिस्टम नहीं लगा है। इसके चलते प्राधिकरण ने इन भवन स्वामियों की जमानत धनराशि वापस नहीं की है। अब इन सभी के खिलाफ फिर से नोटिस जारी होता है। शहरी क्षेत्र में महज 50 के करीब भवन स्वामियों के यहां ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगे हैं। 

ऐसे लगता है रेन वाटर हार्वेस्टिंग 

छत पर पानी के लिए टैंक बनाया जाता है। उसमें छेद कर पाइप जमीन तक लाया जाता है। पाइप के बीच में एक जाली बनाई जाती है। पाइप को जमीन में बोरिंग कर डाला जाता है। यह पाइप भवन की छत से जमीन के भीतर तक होता है। इसके जरिए ही छत पर बने टैंक में एकत्र बारिश के पानी को जमीन के भीतर पहुंचा दिया जाता है। 

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के फायदे

- वर्षा का पानी बेकार नहीं जाता

-भूगर्भ जल स्तर संतुलित रहता है

-हैंडपंप, कुएं और कुएं लंबे समय तक चलते हैं

300 वर्ग गज या इससे अधिक के सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगवाना अनिवार्य है। नक्शा पास करते समय ऐसे सभी भवन स्वामियों को शपथ पत्र भी देना होता है। अगर भवन निर्माण के पांच साल में कोई सिस्टम नहीं लगवाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। अब जल्द ही अभियान चलाकार नोटिस जारी किए जाएंगे। 

डीएस भदौरिया, अधिशासी अभियंता, एडीए


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