COVID-19 सतर्कता के साथ पटरी पर दौड़ने लगीं रेलवे की सेवाएं Aligarh news
कोरोना के बीच भारतीय रेलवे धीरे-धीरे अपनी सेवाअों को पटरी पर लाने में जुटी है। सतर्कता को लेकर कोई चूक नहीं की जा रही है। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाली ट्रेनों में नियमों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
अलीगढ़, जेएनएन : कोरोना के बीच भारतीय रेलवे धीरे-धीरे अपनी सेवाअों को पटरी पर लाने में जुटी है। सतर्कता को लेकर कोई चूक नहीं की जा रही है। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाली ट्रेनों में नियमों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। स्टेशन में दाखिल होने वाले यात्रियों को जांच के बाद ही अंदर आने की अनुमति दी जा रही है। रोजाना प्लेटफार्मों को सैनिटाइज किया जा रहा है। आरपीएफ व जीआरपी पुलिस नियमों का पालन कराने के लिए मुस्तैद है।
कोरोना ने थाम दिया था रेल नेटवर्क
दुनिया के सबसे लंबे भारतीय रेल नेटवर्क को कोरोना ने थाम दिया है। इस दरमियान रेलवे को भारी नुकसान हुआ, जिसकी भरपाई में काफी वक्त लगेगा, मगर यह सफर एक नई दिशा के साथ फिर उसी रफ्तार से लौट रहा है। रेलवे की तस्वीर धीरे-दीरे बदलने लगी है। अब यहां भीड़-भाड़ की बयाज शांति नजर आती है। पहले जो ट्रेनें खचाखच दिखती थीं, उसमें अब सीमित यात्री सवार दिखते हैं। ट्रेनों के आते ही दौड़ लगाने वाले कुली मास्क पहने हुए होते हैं। यात्रियों के बीच दो फुट की दूरी कोरोना की सतर्कता को बयां करती है। गुरुवार को अलीगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन का नजारा कुछ ऐसा ही था।
बरती जा रही सतर्कता
यहां से कुल 52 ट्रेनों (अप-डाउन) का संचालन हो रहा है। इनमें गोमती, महानंदा, पूर्वा, शताब्दी आदि प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं। स्टेशन में दाखिल होने वाले रास्ते पर रस्सियां लगी हैं। यहां निकलने के लिए छोटा रास्ता बना हुआ है। अंदर दाखिल होते ही हर व्यक्ति का नाम-पता दर्ज किया जाता है। थर्मल स्कैनिंग के बाद लोग स्टेशन में घुसते हैं। बिना मास्क वालों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होती। जिन लोगों का रिजर्वेशन होता है, उन्हें ही जाने की अनुमति दी जाती है। ट्रेन लेट हो तो वेटिंग हॉल में आराम से बैठकर यात्री इंतजार करते हैं। यह अनोखी तस्वीर कोरोना काल में स्थापित हुई है। वहीं बाहर से आने वाले यात्रियों को दूसरे गेट से बाहर आने दिया जा रहा है। दूसरी तरफ खानपान की दुकानों की बात करें तो यहां सन्नाटा नजर आता है। पहले यहां 24 घंटे चहल-पहल होती थी। लेकिन, अब ट्रेनों के आने पर कुछ देर को ये गुलजार होते हैं। फिर इनका ढर्रा उदासीन हो जाता है। टिकट लेने वालों की कतार भी अब नजर नहीं आती है। कुल मिलाकर कोरोना ने यात्रियों को सलीका सिखा दिया है। स्टेशन पर बेहतर साफ-सफाई दिखती है। कर्मचारियों की आदत हो गई है कि प्लेटफार्म पर गंदगी ना दिखे। इसके अलावा प्लेटफार्म पर जगह-जगह लगे पोस्टर व बैनर लोगों को जागरूक करने में काफी सहायक साबित हो रहे हैं। इनका असर भी लोगों पर दिख रहा है। लोग अब बिना मास्क के नहीं बैठते। सफर के दौरान शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखते हैं। सीएमआइ संजय कुमार का कहना है कि दीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। फिलहाल 52 ट्रेनों का संचालन हो रहा है। कोरोना को देखते हुए नियमों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। बिना मास्क को किसी को एंट्री नहीं दी रही। जीआरपी व आरपीएफ व्यवस्थाओं को संभालने में जुटी हैं।