झूठ की बुनियाद, फरेब के केंद्र
----जागरण विशेष --- सब हैड-ठिकाना बदल कर जन सेवा केंद्रों के संचालन में हो रहा फज
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : सरकार को उम्मीद थी कि जनसेवा केंद्र गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायक होंगे, लेकिन ये झूठ व फरेब की कमाई का अड्डा बन गए हैं। ठिकाना बदलकर इनका संचालन हो रहा है। डीएम ने जांच कराई तो एक ही वार्ड में चार-चार केंद्र मिले।
यह थी योजना : प्रदेश सरकार ने ज्यादातर योजनाओं को ऑनलाइन कर दिया है। लोगों को इनके फॉर्म भरने के लिए दूर न जाना पड़े, इसलिए जनसेवा केंद्र खोले गए। एक गांव व एक वार्ड में एक केंद्र खोलने का नियम है। गांव की जनसंख्या पांच हजार व वार्ड की 10 हजार से ज्यादा है तो दूसरा खोला जा सकता है। वयमटेक कंपनी को केंद्र खोलने की जिम्मेदारी दी गई।
शिकायत पर जांच : ऑनलाइन पोर्टल पर किशनपुर के वार्ड 42 के लिए आवंटित जनसेवा केंद्र की संचालक पूनम ने डीएम से शिकायत की कि उनके क्षेत्र में तीन अन्य केंद्र संचालित हैं। एडीएम प्रशासन आरएन शर्मा ने जांच कराई तो यहां बिना अनुमति के प्रदीप कुमार यादव, अजयपाल सिंह, अनुपम सक्सेना के केंद्र मिले। धनीपुर ग्राम पंचायत में पांच केंद्र पाए गए। टप्पल के धारागढ़ी में दूसरे गांव का केंद्र चलता मिला। अतरौली के जखैरा में चार केंद्र मिले। इनके लाइसेंस हरचंदपुर, भोजपुर, बसई व बढ़ौली के नाम हैं।
ऐसे होता है खेल : जिले में अधिकांश वार्ड व गांवों के लिए जनसेवा केंद्रों का आवंटन हो चुका है। अब कंपनी के पास केंद्र के लिए कोई आवेदक आता है तो वह ऐसी जगह मांगता है, जहां पहले से केंद्र है। जांच में सामने आया कि कार्यदायी संस्था दूसरी जगह के नाम से केंद्र देकर उसका संचालन मनचाहे स्थान पर शुरू करा देती है। इसके लिए 40 हजार रुपये तक उगाही होती है, जबकि सरकारी फीस 9100 रुपये है। केंद्र संचालक भी 20 रुपये की जगह 200 रुपये तक वसूलता है।
.............
जांच हो चुकी है। कई केंद्र इधर से उधर मिले हैं। रिपोर्ट डीएम को सौंपी जा रही है। हर हाल में कार्रवाई होगी।
आरएन शर्मा, एडीएम प्रशासन
वसूली के आरोप गलत हैं। किशनपुर तिराहे का मामला मेरी जानकारी में है। यहां एक की जगह दो केंद्र हैं।
निरोत्तम सिंह, प्रतिनिधि वयमटेक