Move to Jagran APP

AMU में प्रोफेसर एमरेट्स इतिहासकार इरफान हबीब बोले, नेहरू की सहमति से कैबिनेट में शामिल हुए थे पटेल Aligarh News

एएमयू में प्रोफेसर एमरेट्स इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पसंदीदा लोगों में सरदार वल्लभभाई पटेल शामिल थे।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 10:17 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 03:54 PM (IST)
AMU में प्रोफेसर एमरेट्स इतिहासकार इरफान हबीब बोले, नेहरू की सहमति से कैबिनेट में शामिल हुए थे पटेल Aligarh News
AMU में प्रोफेसर एमरेट्स इतिहासकार इरफान हबीब बोले, नेहरू की सहमति से कैबिनेट में शामिल हुए थे पटेल Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में प्रोफेसर एमरेट्स इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पसंदीदा लोगों में सरदार वल्लभभाई पटेल शामिल थे। इसलिए नेहरू ने उन्हें कैबिनेट में शामिल किया। 1948 में महात्मा गांधी की हत्या हुई तो पटेल ने गृहमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की। नेहरू ने इसे मंजूर नहीं किया। दोनों के बीच मनमुटाव होते तो वे इस्तीफा स्वीकार कर लेते। यह सच है कि कुछ मामलों में नेहरू व पटेल की सोच भिन्न थी।

loksabha election banner

विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद व इतिहासकार रामचंद्र गुहा आमने सामने

इतिहासकार इरफान ने यह बात दोनों के संबंधों को लेकर दिए गए बयानों पर कही। दरअसल, पटेल व नेहरू को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद व इतिहासकार रामचंद्र गुहा आमने सामने हैं। पिछले दिनों जयशंकर प्रसाद ने पटेल के सहायक रहे वरिष्ठ नौकरशाह वीपी मेनन के व्यक्तित्व व कृतित्व पर लिखी गई पुस्तक के आधार पर दावा किया था कि नेहरू 1947 की अपनी कैबिनेट में पटेल को शामिल नहीं करना चाहते थे। गुहा ने इसे गलत करार देते हुए नेहरू व पटेल के बीच हुए पत्राचार के उदाहरण से कहा कि पटेल को नेहरू अपनी कैबिनेट के एक मजबूत स्तंभ के रूप में देखते थे।

भाजपाइयों को जानकारी नहीं

गुहा का समर्थन करते हुए प्रो. हबीब ने कहा है कि कुछ मामलों में दोनों की राय जहां विभिन्न थी तो कुछ में समान भी थी। गांधीजी की हत्या से आहत होकर पटेल इस्तीफा देना चाहते थे, पर नेहरू सहमत नहीं हुए। पटेल की पत्नी ने कहा था कि हमारे सबके लीडर जवाहर लाल नेहरू हैं। प्रो. इरफान ने कहा कि भाजपा वालों ने जब राष्ट्रीय आंदोलन में भाग ही नहीं लिया तो उन्हें पता ही नहीं क्या हुआ?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.